मकर आदि छः राशिमें सूर्यके रहनेसे उत्तरायण और कर्क आदि छः राशिमें सूर्यके होनेसे दक्षिणायन संज्ञा कहते हैं ॥१॥
रत्नामालामें अयनविधि इस भांति कहते हैं - शिशिर आदि तीन ऋतु जिनमें देवताओंका दिन होता है उसको उत्तरायण और वर्षादि तीन ऋतु जिनमें देवताओंकी रात्रि होती है उसको दक्षिणायन जानना ॥१॥
अयनफल ।
उत्तरायण सूर्यंमे उत्पन्न होनेवाला मनुष्य संपूर्णशास्त्रोंका ज्ञाता, धर्म, अर्थ और कामयुक्त, शीलवान्, गुणवान् और सुंदररुपवाला होता है ॥१॥
दक्षिणायन सूर्यमें जो उत्पन्न होताहै वह कपटही उपाय करनेवाला, झूठ बोलनेवाला, धर्मसे रहित, रोगी और बहुत व्याधियोंसे ग्रसित होता है ॥२॥