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अध्याय १ - अयनानयनविधि

मानसागरी - अध्याय १ - अयनानयनविधि

सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.

The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.


मकर आदि छः राशिमें सूर्यके रहनेसे उत्तरायण और कर्क आदि छः राशिमें सूर्यके होनेसे दक्षिणायन संज्ञा कहते हैं ॥१॥

रत्नामालामें अयनविधि इस भांति कहते हैं - शिशिर आदि तीन ऋतु जिनमें देवताओंका दिन होता है उसको उत्तरायण और वर्षादि तीन ऋतु जिनमें देवताओंकी रात्रि होती है उसको दक्षिणायन जानना ॥१॥

अयनफल ।

उत्तरायण सूर्यंमे उत्पन्न होनेवाला मनुष्य संपूर्णशास्त्रोंका ज्ञाता, धर्म, अर्थ और कामयुक्त, शीलवान्, गुणवान् और सुंदररुपवाला होता है ॥१॥

दक्षिणायन सूर्यमें जो उत्पन्न होताहै वह कपटही उपाय करनेवाला, झूठ बोलनेवाला, धर्मसे रहित, रोगी और बहुत व्याधियोंसे ग्रसित होता है ॥२॥

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Last Updated : January 22, 2014

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