सफेद कलंदर फकीर । बाबा सफेत कलंदर फकीर ॥ध्रु०॥
काम क्रोध मद मत्सर काटो । उन्मनी ज्या घर बैठो ।
मारो आसन बैठो त्रिकुटपर । करतारकी जिकरी ॥१॥
अंदर भगवा कियोरी बाबा । जोग जुगत भरपाई ।
खुदाके नामपर लगत लगाई । चुकी कमलपर लखिर ॥२॥
ऐसी फकीरकी थोरी बाबा । जो सकुल सब तारी ।
कहत कबीर सुन भाई साधू । सिताराम गुरु प्यारी ॥३॥