तत्व, रास, ज्ञान

प्रस्तुत ओव्या वाचत असताना साधक एका वेगळ्याच अनुभवानं भारला जातो.


मानवाचा जन्म त्याने पूर्वायुष्यात केलेल्या कर्माच्या साठ्यानुसार येणारे कर्मभोग भोगण्याकरिता एका तत्वातील (पृथ्वी, आप, तेज, वायू ) एका राशीत होतो. आकाश तत्वाची रास नाही. इतर चार तत्वांच्या प्रत्येकी तीन राशी येतात.
जलतत्व ।   कर्क, वृश्चिक, मीन । विप्र वर्ण ।
अग्ंनितत्व । मेष, सिंह, धनु । क्षत्रिय वर्ण ।
पृथ्वीतत्व ।  वृषभ, कन्या, मकर । वैश्य वर्ण ।
वायुतत्व ।  मिथून, तूळ, कुंभ । शूद्र वर्ण ।
---------------------------------------
चातुर्वर्ण्य मया सृष्ट गुण कर्म विभागश: ।
अशी ही देवनिर्मित व्यवस्था आहे. हे नीटपणे जाणून द्वेष, ईर्षा, तिरस्कार, क्रूरता, लोभ, मोह, यामध्ये आपली शक्ती खर्च करण्यापेक्षा वर्णाप्रमाणे वागण्याकडे तिला वळवावे हे बरं !
==
मार्गदर्शक तक्ता
तपशील -- स्मरण
भूमितत्व -- अ कार
जलतत्व -- उ कार
अग्नितत्व -- म कार
वायुतत्व -- अर्ध मातृका
==
तपशील -- चिन्ह
भूमितत्व --
जलतत्व --
अग्नितत्व --
वायुतत्व --
==
तपशील -- ध्यान
भूमितत्व -- श्री वामन, अहंकार न करण्याचे
जलतत्व -- श्री विष्णु, ज्ञान प्राप्तीचे
अग्नितत्व -- श्रीराम, रक्षणाचे
वायुतत्व -- श्रीविठ्ठल, दया, समतेचे
==
तपशील -- पूजन
भूमितत्व -- देवी
जलतत्व -- गणपती
अग्नितत्व -- दत्त गुरू
वायुतत्व -- शिव, मारूती
==
तपशील -- संत पूजन
भूमितत्व -- ज्ञानेश्वर
जलतत्व -- एकनाथ
अग्नितत्व -- रामदास
वायुतत्व -- तुकाराम
==
तपशील -- ग्रंथ
भूमितत्व -- ज्ञानेश्वरी
जलतत्व -- भागवत
अग्नितत्व -- दासबोध
वायुतत्व -- गाथा
==
तपशील -- शुभ कार्यदिशा
भूमितत्व -- पूर्व
जलतत्व -- पश्चिम
अग्नितत्व -- दक्षिण
वायुतत्व -- उत्तर
==
तपशील -- शुभ वेळ
भूमितत्व -- रात्री १०.३० ते २
जलतत्व -- सायं-रात्री ५ ते १०.३०
अग्नितत्व -- दुपारी सायं १ ते ५
वायुतत्व -- सकाळी दुपारी ७.३६ ते १२.४८
==
तपशील -- दान
भूमितत्व -- अन्नाचे
जलतत्व -- ज्ञानाचे, पाण्याचे
अग्नितत्व -- वस्त्राचे, घराचे
वायुतत्व -- सेवेचे, ज्ञान प्रसाराचे
==
तपशील -- बोलणे (वाचा)
भूमितत्व -- मोठ्याने पण गोड
जलतत्व -- मध्यम
अग्नितत्व -- दृष्टीने
वायुतत्व -- अंतःकरणाने
==
तपशील -- निज तत्व
भूमितत्व -- सत्य
जलतत्व -- विवेक
अग्नितत्व -- शील
वायुतत्व -- दया
==
तपशील -- साधन
भूमितत्व -- कर्ममार्ग
जलतत्व -- ज्ञानमार्ग
अग्नितत्व -- योगमार्ग
वायुतत्व -- भक्तिमार्ग
==
स्वधर्म कामधेनू व उपदेशाचा अंगिकार करावा
==
तपशील -- बीज
भूमितत्व -- ॐ लं
जलतत्व -- ॐ वं
अग्नितत्व -- ॐ रं
वायुतत्व -- ॐ यं
==
श्वास आत घेताना ॐ भाव व सोडताना बीजाक्षर भाव
==
तपशील -- पथ्य
भूमितत्व -- वातप्रकृती सांभाळावी
जलतत्व -- फुकट पाणी व ज्ञान न घ्यावे
अग्नितत्व -- स्पर्श टाळावा
वायुतत्व -- भोजनात कडक पथ्य
==
तपशील -- अवगुण
भूमितत्व -- लोभी
जलतत्व -- व्यभिचार
अग्नितत्व -- क्रोध
वायुतत्व -- निंदा, गोड बोलल्याने फसणे
==
तपशील -- ताबा
भूमितत्व -- चवीवर
जलतत्व -- आचार, विचार, उच्चार
अग्नितत्व -- स्पर्श उतावळेपणा
वायुतत्व -- तिरकस बोलणे
==
तपशील -- क्षेत्र भेट
भूमितत्व -- आळंदी
जलतत्व -- पैठण
अग्नितत्व --सज्जनगड
वायुतत्व --देहू
==
तपशील -- धाम
भूमितत्व -- जगन्नाथपुरी
जलतत्व -- द्वारका
अग्नितत्व -- बद्रीनारायण
वायुतत्व -- केदारनाथ
==
तपशील -- मुक्ती दर्जा
भूमितत्व -- समीपता
जलतत्व -- सलोकता
अग्नितत्व -- स्वरूपता
वायुतत्व -- सायुज्यता
==
उपदेशातील प्रयोगाने सहजानंद स्थि्ती लाभू शकते.

N/A

References : N/A
Last Updated : May 14, 2023

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP