हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|दरिया साहब (मारवाड़वाले)| सतगुरुसे सब्द ले , रसना र... दरिया साहब (मारवाड़वाले) कहा कहूँ मेरे पिउकी बात ... जाके उर उपजी नहिं भाई ! ... जो धुनिया तौ भी मैं राम त... आदि अंत मेरा है राम , उन ... बाबुल कैसे बिसरा जाई ? ... पतिब्रता पति मिली है लग ,... संतो कहा गृहस्थ कहा त्याग... सब जग सोता सुध नहिं पावै ... आदि अनादी मेरा साईं ॥ द... जो सुमुरूँ तौ पूरन राम , ... चल -चल रे हंसा , राम -सिं... चल चल रे सुआ तेरे आदराज ,... नाम बिन भाव करन नहिं छूटै... दुनियाँ भरम भूल बोराई । ... मैं तोहि कैसे बिसरूँ देवा... जीव बटाऊ रे बहता मारग माई... है कोई संत राम अनुरागी , ... मुरली कौन बजावै हो , गगन ... ऐसा साधू करम दहै ॥ अपना... साहब मेरे राम हैं , मैं उ... अमृत नीका , कहै सब कोई , ... साधो , अलख निरंजन सोई । ... राम -नाम नहि हिरदै धरा , ... साधो , हरि -पद कठिन कहानी... साधो , राम अनूपम बानी । ... राम भरोसा राखिये , ऊनित न... सतगुरुसे सब्द ले , रसना र... भजन - सतगुरुसे सब्द ले , रसना र... हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है। Tags : bhajandariya sahabदरिया साहबभजन राग झँझौटी - ताल कहरवा Translation - भाषांतर सतगुरुसे सब्द ले, रसना रटन कर, हिरदेमें आनकर ध्यान लावै । षट- कँवल बेधकर, नाभि-कँवल छेदकर, कामको लोप पाताल जावै ॥ जहँ साँईकौ सीस ले, जमके सिर पाँव दे, मेरु मध होय आकास आवै । अगम है बाग जहँ, निगम गुल खिल रहा, दास दरियाव, दीदार पावै ॥ N/A References : N/A Last Updated : December 25, 2007 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP