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साधो , हरि -पद कठिन कहानी...

भजन - साधो , हरि -पद कठिन कहानी...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


साधो, हरि-पद कठिन कहानी ।

काजी पण्डित मरम न जानै,

कोइ-कोइ बिरला जानी ॥

अलहको लहना, अगहको गहना,

अजरको जरना, बिन मौत मरना ।

अधरको धरना, अलखको लखना,

नैन बिन देखना, बिनु पानी घट भरना ॥

अमिलसूँ मिलना, पाँव बिन चलना

बिन अगिनके दहना, तीरथ बिन न्हावना ।

पन्थ बिन जावना, बस्तु बिनु पावना,

बिन गेहके रहना, बिना मुख गावना ॥

रूप न रेख, बेद नहिं सिमृति,

नहि जाति बरन कुल-काना ।

जन 'दरिया' गुरुगमतें पाया,

निरभय पद निरबाना ॥

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Last Updated : December 25, 2007

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