-
वामन पंडित - अनुभूतिलेश
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - भागवत रामायण
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - ब्रम्हस्तुति
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - द्वारकाविजय
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - श्रीहरिगीता
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - कर्मतत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामनपंडित कृत स्फुट काव्यें
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - नाम सुधा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - साम्राज्यवामनटीका
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - वेणुसुधा
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - राजयोग
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
मुकुंदविलास
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
ध्यानमाळा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
प्रियसुधा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
तत्वमाळा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - शुकाष्टक
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - स्फूटश्लोक
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - गीतार्णव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - चरमगुरुमंजरी.
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - वामनचरित्र
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - विश्वास वध
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - दंपत्य चरित्र
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - भरत भाव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - रुक्मिणी पत्रिका
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - सीता स्वयंवर
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - रामजन्म
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - अहिल्योद्धार
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - लोपामुद्रा संवाद
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - यज्ञपत्न्याख्यान
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - कंसवध
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - रुक्मिणी विलास
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - भामाविलास
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - चित्सुधा
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A
-
वामन पंडित - गजेंद्र मोक्ष
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 1 | Lang: N/A