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साहित्य दर्पण - तृतीयः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण - प्रथमः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण - अष्टमः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण - चतुर्थः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण - द्वितीयः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण - षष्ठः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण - नवमः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण - दशमः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण - पञ्चमः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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साहित्य दर्पण - सप्तमः परिच्छेदः
साहित्य दर्पण संस्कृत भाषा में साहित्य-विषयक महान ग्रन्थ है। इसके रचयिता विश्वनाथ हैं। साहित्य दर्पण के रचयिता का समय 14वीं शताब्दी ठहराया जाता है।
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संस्कृत साहित्य
संस्कृत,
प्राचीन भारताची आणि हिंदू धर्माची भाषा आहे. संस्कृत भाषेला देवभाषा
अर्थात् देववाणी, देवांची भाषा म्हणतात. संस्कृतचा अर्थ नैसर्गिक
पवित्रता. संस्कृत भाषा ही सर्व भाषांचे मूळ किंवा उगमस्थान आहे हे असे
मानले जाते.
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संकीर्ण वाड्मय साहित्य
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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माधवेंद्रकृत अनुभयोदय
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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भक्तीपर श्लोक
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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उर्दु रिवायत
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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आर्याबद्ध शकुनवंती
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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विप्र गोविंदकृत शिल्पशास्त्र
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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श्री. ना. गो. चापेकरकृत कांहीं गाणीं
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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बस्वलिंगकृत संत - मालिका
बस्वलिंगकृत संत - मालिका
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दामा कोंडदेवकृत सिद्धांतसार
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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तुका विप्रकृत कांहीं कविता
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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बालवीर कासीमचा पराक्रम
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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मराठी जंगनामा
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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गोरख - गोधडी
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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कानडी रिवायत
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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कूट अभंग
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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गंगाबाईचें सिद्धान्न
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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उखाणे
लहान लहान पण यमकबद्ध अशा वाक्यरचनेतून स्त्रिया आपल्या पतीचे नाव कुशलतेने गुंफून घेतात, त्या प्रकाराला उखाणा म्हणतात ,
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एक स्त्रीरत्नाचा पराक्रम
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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नाथगोपाळाचे सुलतान
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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शाहूकृत सिद्धांत - मतिप्रकाश
संकीर्ण वाड्मय साहित्य.
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प्रहर्षिणी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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उपेंद्रवज्रा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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चंद्रिका
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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अक्षरगणवृत्तें
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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चित्रवृत्त
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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शार्दूलविक्रीडित
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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प्रहरणकलिका
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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उमा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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हंसी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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चामर
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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पुष्पिताग्रा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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दिंडी छंद
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मालती
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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चंपकमाला
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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मंदारमाला
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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वैश्वदेवी
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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यूथिका
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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प्रभावती
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
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