हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|दादू दयाल|भजन संग्रह १|
हिंदू तुरक न जाणों दोइ । ...

भजन - हिंदू तुरक न जाणों दोइ । ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


हिंदू तुरक न जाणों दोइ ।

साँईं सबका सोई है रे, और न दूजा देखौं कोइ ॥टेक॥

कीट-पतंग सबै जोनिनमें, जल-थल संगि समाना सोइ ।

पीर पैगम्बर देव-दानव, मीर-मलिक मुनि-जनकौं मोहि ॥१॥

करता है रे सोई चीन्हौं, जिन वै रोध करै रे कोइ ।

जैसैं आरसी मंजन कीजै, राम-रहीम देही तन धोइ ॥२॥

साँईंकेरी सेवा कीजै पायौ धन काहेकौं खोइ ।

दादू रे जन हरि भज लीजै, जनम-जनम जे सुरजन होइ ॥३॥

N/A

References : N/A
Last Updated : September 28, 2008

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP