हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|दादू दयाल|भजन संग्रह १|
तब हम एक भये रे भाई । मोह...

भजन - तब हम एक भये रे भाई । मोह...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


तब हम एक भये रे भाई । मोहन मिल साँची मति आई ॥टेक॥

पारस परस भये सुखदाई । तब दूनिया दुरमत दूरि गमाई ॥१॥

मलयागिरि मरम मिल पाया ॥ तब बंस बरण-कुल भरग गँवाया ॥२॥

हरिजल नीर निकट जब आया । तब बूँद-बूँद मिल सहज समाया ॥३॥

नाना भेद भरम सब भागा । तब दादू एक रंगै रँग लागा ॥४॥

N/A

References : N/A
Last Updated : September 28, 2008

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP