Dictionaries | References

कव्वेके कोसे ढोर नही मरते

   
Script: Devanagari

कव्वेके कोसे ढोर नही मरते

   कावळ्‍याच्या कावकावीनें ढोरे मरत नसतात. तु०-कावळ्याच्या शापानें गुरे मरत नाहीत.

Related Words

कव्वेके कोसे ढोर नही मरते   नही   द्र्व्याचे लालची पेंढीचें ढोर   ढोर   इकडे नही, इकडे वही   अन्न सारें धन सोनें नाणें तीनपाव धन आणि ढोर गुरुं फुकट धन   दुसगीचें ढोर किवणानें मरावयाचें   ढोरांत ढोर, पोरांत पोर   कुणबीसरीखा दाता नही, मारे बिगर देता नही   इकडे नही तिकडे वही   ठकबाजीचें घर नही बसता   पानीमें फत्तर नही सडता   खाण्यावांचून ढोर (पोर) बापुडें, मिठावांचून पक्‍वान्न रडें   ढोरानं ढोर मेलें, कुत्र्याच्या गळ्यांत घाटरूं आलें   पोर आणि ढोर दुसर्‍यावर विसंबूं नये   गद्धा पिटे, तेजी नही बनता   ओलतीका पानी बुलंदी नही जाता   आज है सो कल नही   जीति मखी नही निगली जाती   दामो रूठा, बातोसे नही मंता   धूलकी रसी नही बांधी जाती   हातमे नही कवडी बजारमें दवडी   कुत्तेकू खीर और गद्धेकू चपाती (नही पचती)   कुत्तेकू खीर और गद्धेकू चपात्‍या (नही पचती)   अकेला चना भाड नही फोड सकता   घरमें नही दाणा, अम्‍मा गई पिसनेकू   घरमें नही बास, और नाम दुर्गादास   घी देखा पण बडगा नही देखा   घी देखे, लेकिन बडगा नही देखे   जार, जवाई, भानजा, ये तिन्हो नही आपना   जो गरजता है, सो बरसता नही   जी कहीं लागत नही, जब दिल कही लग जाय   जहां सुई नही जाती, वहां मुसली चलाती है   भणतव्यम तोबी मरतव्यम्। नही भणतव्यम् तोबी मरतव्यम् वृथा किम् माथाकूट कर्तव्यम्।   फत्तरपर पाणी पडे, भीजे पण भीने नही, मूरखसे गीयान् कहे, बुझे पण रीझे नहीं   पशूका होत पनैया, नरका कछु नही होत, जो नर करणी करे तो नरका नारायण होत   ढोरगी   ढोलासमुद्र   भूक काढावी ढोरांनीं, दुखणीं काढावीं पोरांनीं   ढोरकी   महारगुंज   कवळपट्टी   बसन   मीठ देणें   ढॉर   डोहर   कवळाचें सळ   ढोरगुरुं   लपाटणे   खर्‍याला (कधी) मरण नाहीं   डोहार   डोहोर   ढोरकोंडा   ढोरडॉक्टर   ढोलसमुद्रिका   लपटणे   पल्हें   आवय मरे धुवेलागीं, आनी धुव मरे मरे गांवच्या मिणालागी   आवै मरता धुवेकडेन, धूव मरता गांवच्या मिंडाकडेन   आवै रड धुवेखातीर आनी धूव रड गांवच्या मिंडा खातीर   जिलवाना   तनफुगी   ढोरवी   माजलें गुरुं, धन्यास मारी   डोळ्यांतले पाणी मरणें   पतिव्रता भूकी मरे, पेढे खाई छिनाल   अटारा   भद्रजाती   घोडी मेली ओझ्यानें व शिंगरूं मेले हेलपाट्यानें   विंचू व्याला टोकर (टोलार) झाला   आँखों के आगे अँधेरा छाना   जिलाना   भुखमरी   पिट्टस   होंठ   गुरूं   खाणें ना पिणें, फुकट धिंगाणे   काबाडकष्ट   घाटरें   सांगोसाचा बैल किवणानें मेला   अठरा उपयाती   अवढाण   शोकपूर्ण   पतिव्रता भूकी मरे, कसबीण खाई लाडू, गांडू घेला घोडे चढे, मरद खेंचे गाडुं   बचना   कुचकामाचा   माधुकि   पिघलाव   कान्ही   घाटरूं   घोटया   अधोड   आपले जिवाहूनी, वस्तु अधिक मानी   इल्म   ऐसर   अंधा होना   अनपान   छास   ठकाला ठकविणें, हें योग्‍य करणें   विंचू व्याला नि टोकर झाला   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP