Dictionaries | References

घी देखे, लेकिन बडगा नही देखे

   
Script: Devanagari

घी देखे, लेकिन बडगा नही देखे

   मांजर दूध पिण्यासाठी टपून बसते, तेव्हां आपणांस कोणी मारण्यास टपले आहे हे त्‍याच्या लक्ष्यात येत नाही. यावरून मनुष्‍य केवळ फायद्याकडे पाहात असतो, त्‍यापासून तोटा किती होणार हे समजून घेत नाही. दुग्‍धं पश्यति मार्जारः परं न लगुडाहतिम्‌।

Related Words

घी देखे, लेकिन बडगा नही देखे   जें न देखे रवि, तें देखे कवि   घी   मांजरानें दूध पाहिलें परंतु बडगा कोठें पाहिला   लेकिन   बडगा   घी देखा पण बडगा नही देखा   घी देखा पण बडगा नहि देखा   नही   न देखे रवि, तें देखे कवि   दूध देखलें पण बडगा देखला नाहीं   आग लगाये तमाशा देखे   देखे मढें, येई रडें   शुद्ध घी   देसी घी   कृत्रिम घी   रहें झोपडीमें ख्वाब देखे महलका   वनस्पति घी   भूत हिंसा देखे डोळांः तोचि ज्ञानाचा अंधळाः   नाक कटा तो कटा, लेकिन घी तो चटा   इकडे नही, इकडे वही   कामीन जयाच्या जाहाली नेत्रासी। देखे तो चंद्रासी पतिवर्ण।।   बडगा दाखविणें   दुनया भुकी मरती है, घी   बनिया तो कुछ देते बी नहिं, लेकिन आप कहते है पुरा तोल   कच्चा घी   डालडा घी   घी खिचड़ी एक होना   कुणबीसरीखा दाता नही, मारे बिगर देता नही   इकडे नही तिकडे वही   ठकबाजीचें घर नही बसता   पानीमें फत्तर नही सडता   घिउ   ঘি   ঘিউ   ਘੀ   ઘી   നെയ്   घृतम्   گٮ۪و   ತುಪ್ಪ   घी गेलें आणि ठामणेंहि गेलें   घीणो पैसो और पैसोनी घी   धीनो दोडियो अने दोडियानु घी   ghee   बाईल ना बडगा अन्‍ रिकामा धडगा   गद्धा पिटे, तेजी नही बनता   कव्वेके कोसे ढोर नही मरते   ओलतीका पानी बुलंदी नही जाता   आज है सो कल नही   जीति मखी नही निगली जाती   दामो रूठा, बातोसे नही मंता   धूलकी रसी नही बांधी जाती   हातमे नही कवडी बजारमें दवडी   सब् जग्गें साप तेडा चले, लेकिन बिलमें सीधा घुसे   घी गेलें पण ठामणें तर राहिलें   घी जातें आणि चमडा पण जातो   नकटा तो नकता, पण घी तो चट्टा   तूप   कुत्तेकू खीर और गद्धेकू चपाती (नही पचती)   कुत्तेकू खीर और गद्धेकू चपात्‍या (नही पचती)   अकेला चना भाड नही फोड सकता   घरमें नही दाणा, अम्‍मा गई पिसनेकू   घरमें नही बास, और नाम दुर्गादास   जार, जवाई, भानजा, ये तिन्हो नही आपना   जो गरजता है, सो बरसता नही   lathee   lathi   நெய்   నెయ్యి   ଘିଅ   जी कहीं लागत नही, जब दिल कही लग जाय   जहां सुई नही जाती, वहां मुसली चलाती है   butter   भणतव्यम तोबी मरतव्यम्। नही भणतव्यम् तोबी मरतव्यम् वृथा किम् माथाकूट कर्तव्यम्।   फत्तरपर पाणी पडे, भीजे पण भीने नही, मूरखसे गीयान् कहे, बुझे पण रीझे नहीं   पशूका होत पनैया, नरका कछु नही होत, जो नर करणी करे तो नरका नारायण होत   carrot-and-stick approach   कुरड्या हात्तांतुलो वड्डो   ठुणगुण   घीव   तनुनप   उंबरवट   टवंच   मरिगळ   मरिगळा   पें   सिवणा   हरूषमात   तेजा इशारत, तट्‌टा फोका धरिती   अमृतसार   कोतवाला   रवीलासुद्धां जें दिसत नाहीं तें कवीला दिसतें   आरिसा   आलोच   रडूं   जमालगोट   लेकीन   उभउभ्या   आसखा   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP