सुहोत्र n. एक शिवावतार, जो व्यास की सहायता के लिए अवतीर्ण हुआ था । इसके निम्नलिखित चार शिष्य थेः-- १. सुहोत्र; २. दुर्मुख; ३. दुदुर्भ; ४. दुरतिक्रम
[शिव. शत. ४] ।
सुहोत्र (घौषेय) n. एक वैदिक सूक्तद्रष्टा
[ऋ. १०.४१] ।
सुहोत्र (भारद्वाज) n. एक वैदिक सूक्तद्रष्टा
[ऋ. ६. ३१-३२] ।
सुहोत्र II. n. (सो. क्षत्र.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार क्षत्रवृद्ध का, एवं वायु के अनुसार धर्मवृद्ध राजा का पुत्र था
[भा. ९.१७.२-३] । यह काश्यवंश का सर्वप्रथम राजा माना जाता है । इसके काश्य (कश्यप), कुश (काश), एवं गृत्समद नामक तीन पुत्र थे । पौराणिक साहित्य में अन्यत्र इसके ‘सुनहोत्र’ एवं ‘सुतहोत्र’ नामांतर प्राप्त है
[अग्नि. २७७] ;
[ब्रह्म. १३] ।
सुहोत्र III. n. (सो. अज.) एक राजा, जो विष्णु एवं भागवत के अनुसार सुधनुष् राजा का पुत्र, एवं च्यवन राजा का पिता था
[भा. ९.२२] । वायु में इसे सुधन्वन् राजा का पुत्र कहा गया है ।
सुहोत्र IV. n. (सो. कुरु.) एक कुरुवंशीय राजा, जो सहदेव पांडव का पुत्र था । इसकी माता का नाम माद्री विजया था, जिसे सहदेव ने स्वयंवर का प्रण जीत कर प्राप्त किया था
[म. आ. ९०.८७] । विष्णु, मत्स्य एवं वायु में, इसे नकुल पांडव का पुत्र कहा गया है, किंतु यह असंभव प्रतीत होता है ।
सुहोत्र IX. n. (सो. अमा.) एक राजा, जो कांचनप्रभ (कांचन) राजा का पुत्र, एवं जह्नु राजा का पिता था
[विष्णु. ४.७.३] । इसकी पत्नी का नाम केशिनी था । भागवत में इसे ‘होत्रक’ कहा गया है ।
सुहोत्र V. n. एक ऋषि, जो वनवासकाल में पांडवों के साथ निवास करता था
[म. व. २७.२४] ।
सुहोत्र VI. n. एक राजा, जो भरत राजा का पौत्र, एवं भुमन्यु कां पुत्र था । इसे ‘सुहोतृ’, ‘सुहवि’, ‘सुयजु’ आदि नामांतर भी प्राप्त थे । इसकी माता का नाम पुष्करिणी था । यह अत्यंत दानशूर एवं अतिथिप्रिय राजा था । इसकी दानशूरता से प्रसन्न हो कर, इन्द्र ने इसके राज्य में एक वर्ष तक सुवर्ण की वर्षा की थी । इस सुवर्णवर्षा से प्राप्त सारी संपत्ति इसने ब्राह्मणों में बाँट दी थी
[म. द्रो. परि. १.८.३६०-३८३] ;
[म. शां. २९.२२१] ।
सुहोत्र VI. n. इसकी पत्नी का नाम इक्ष्वाकुकन्या सुवर्णा था, जिससे इसे अजमीढ, सुमीढ एवं पुरुमीढ नामक पुत्र उत्पन्न हुए थे । इसकी निम्नलिखित अन्य पत्नियाँ एवं पुत्र भी थेः-- १. धूमिनी - ऋक्ष; २. नीली---दुःषन्त, परमेष्ठिन्; ३. केशिनी---जह्नु, जन एवं रुपिन्
[म. आ. ८९.२०-२८] । महाभारत में अन्यत्र इसके हस्तिन् नामक पुत्र का निर्देश प्राप्त है, जिसके वंश में आगे चल कर विकुंठन, अजमीढ एवं संवरण आदि राजा उत्पन्न हुए। इनमें से संवरण राजा, ‘वंशकर’ हुआ जिसने हस्तिनापुर का पुरु वंश आगे चलाया
[म. आ. ९०.३५-३९] ।
सुहोत्र VII. n. रामसेना का एक वानर।
सुहोत्र VIII. n. (सो. अमा.) एक राजा, जो वायु के अनुसार जह्नु राजा का पुत्र था । इसकी माता का नाम कावेरी था
[वायु. ९१.७] ।
सुहोत्र X. n. ०. (सो. पुरु.) एक राजा, जो बृहत्क्षत्र नामक राजा का पुत्र, एवं हस्तिन् राजा का पिता था
[वायु. ९९.१६५] ।