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अजमीढ

   { ajamīḍha }
Script: Devanagari

अजमीढ     

Puranic Encyclopaedia  | English  English
AJAMĪḌHA I   A famous king of the Pūru Vaṁśa.
1) Genealogy.
Descended from Viṣṇu in this order:-- Brahmā-Atri-Candra-Budha-Purūravas-Āyus- Nahuṣa-Yayāti-Pūru- Janamejaya- Prācinvā-Manasyu- Vītabhaya-Śunḍu-Bahuvidha- Saṁyāti-Rahovādi- Bhadrāśva-Matināra-Santurodha-Duṣyanta- Bharata-Bṛhatkṣetra-Hasti-Ajamīḍha.
2) Birth.
Several dynasties like Yadu Vaṁśa, Pūru Vaṁśa etc. take their origin from Yayāti. Duṣyanta belongs to that dynasty. King Bharata was born as Duṣyanta's son by Śakuntalā. Suhotra-Suhota-Gaya- Gardda-Suketu and Bṛhatkṣetra were Bharata's sons. Bṛhatkṣetra had four children, who were: Nara, Mahāvīra, Garga and Hasti. Of them Hasti had three sons: Purumīḍha, Ajamīḍha and Dvimīḍha.
3) Other details.
Ajamīḍha had three queens--Dhūminī, Nīlī and Keśinī. Of them, Dhūminī had a son, Ṛkṣa and Nīlī's son was Duṣyanta (This was not Śakuntalā's husband, Duṣyanta) and Keśinī's sons were Jahnu, Praja and Rūpiṇa. Parameṣṭī was another name of Keśinī. [M.B., Ādi Parva, Chapter 94, Verses 30-32] ;[Anuśāsana Parva, Chapter 4, Verse 2] .
AJAMĪḌHA II   We come across another Ajamīḍha also in the Lunar Dynasty. He married Sudevā, daughter of Vikaṇṭha a King of the Lunar Dynasty. This Ajamīḍha had 2400 children by his four wives, Kaikeyī, Gāndhārī, Viśālā and Ṛkṣā. Of them Saṁvaraṇa married Tapatī, the daughter of Vivasvān. See Tapatī Saṁvaraṇa. [M.B., Ādi Parva, Chapter 95, Verses 35-37] .

अजमीढ     

अजमीढ n.  (सो.पूरु.) विकुंठन तथा दाशार्ही सुदेवा का पुत्र । उसे को कैकेय्यी, नागा, गांधारी, विमला तथा ऋक्षा आदि पत्नीयॉं थी । इसकी २४०० पुत्र हुए । उन मे वंश चलाने वाला संवरण था । संवरण वैवस्वती तपती का पुत्र कुरु । [म.आ.९०.३८.४०]
अजमीढ II. n.  (सो.पूरु) सुहोत्र और ऐक्ष्वाकी का ज्येष्ठ पुत्र । इसकी पत्नी के नाम धूमिनी, नीली और केशिनी, धूमिनी का ऋक्ष, नीली के दुःपन्त तथा परमेष्ठिन, केशिनी के जह्रु, जन तथा रुपिन् ऐसे पुत्र थे । ये सब पांचाल थे [म.आ.८९.२६-२९] । वायुमें हस्ति के तीन पुत्र में इस ज्येष्ठ कहा है । इसकी नीलिनी, धूमिनी और केशिनी तीन पत्नियॉं थीं । इसका वंश चलाने वाले तीन पुत्र थे । उनके नाम ऋक्ष, बृहदिषु (बृहद्वसु) और नील । बृहदिपु से अजमीढ वंश प्रारंभ होता है । [वायु.९९.१७०] अजमीढ से, पांचाल देश में, पांचालवंशीय पुरुवंश का स्वतंत्र राज आरंभ हुआ । इस कारण इस वंश का नाम अजमीढवंश हो गया । पांचाल के दोन भाग हुए । दक्षिण पांचाल तथा उत्तर पांचाल । दक्षिण पांचाल में अजमीढपुत्र बृहदिषुअ तथा उत्तर पांचाल में अजमीढपुत्र नील राज करनें लगे । बृहदिषु से भल्लाटपुत्र जनमेजय तक के वंश का उल्लेख,अनेक पुराणों में मिलता है । इस में प्रायः वीस पुरुष है । जनमेजय के पश्चात, उत्तर पांचाल का नीलवंशीय पृषत‌पुत्र राजा द्रुपदु, दक्षिण पांचाल का शासक बन गया । द्रुपद की कन्या द्रौपदी, पांडवो की पत्नी थी तथा पुत्र धृष्टद्युम्न, भारतीय युद्ध में पांडवों का सेनापति था । भारतीय युद्ध के लिये, द्रुपद ही पांडव पक्ष का प्रधान तथा कुशल नियोजक माना जाता है । दक्षिण पांचाल की राजधानी कांपिल्य थी तथा उत्तर पांचाल की राजधानी अहिच्छत्र । नीलवंशीय पृषतपुत्र द्रुपद के समय दोनों पांचाल राक एकत्रित हुए । द्रोण तथा द्रुपद के युद्ध के पश्चात्, उत्तरपांचाल का अधिपति द्रोण हो गया । भारतीय युद्ध के पश्चात,पांचाल राज का नाम कही नही मिलता । मूलतः क्षत्रिय होते हुए भी आगे चल कर,इस वंश के लोग ब्राह्मण हुए [वायु.९१.११६] अजमीढ, अंगिरा गोत्र में प्रवर और मंत्रकार है [ऋ.४.४३-४४]

अजमीढ     

मराठी (Marathi) WN | Marathi  Marathi
noun  राजा हस्तिचे एक पुत्र जे पांचालचे राजादेखील होते   Ex. अजमीढचे वर्णन पुराणांत आढळते.
ONTOLOGY:
पौराणिक जीव (Mythological Character)जन्तु (Fauna)सजीव (Animate)संज्ञा (Noun)
Wordnet:
gujઅજમીઢ
hinअजमीढ़
kasاجمیڑ
kokअजमीड
mniꯑꯖꯃꯤꯔ
oriଅଜମୀଢ
sanअजमीढः

अजमीढ     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
अज—मीढ, अजमीऌह  m. m.N. of a son of सुहोत्र (author of some Vedic hymns, [RV. iv, 43 and 44] )
ROOTS:
अज मीढ
of a grandson of सुहोत्र
of युधिष्ठिर.

अजमीढ     

Shabda-Sagara | Sanskrit  English
अजमीढ  m.  (ढः) A name of YUDHISHṬHIRA; the friend of AJA, i. e.
E. अज VISHNU or KRISHNA, and ईह to seek, to love, with the parti- cipial क्त, the termination of the accusative is retained.
ROOTS:
अज ईह क्त

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