विश्र्ववेदिन् n. एक राजनीतिज्ञ, जो शौरि राजा का मैत्री था । शौरि एवं उसके चार भाई खनित्र, उदावसु, सुनय एवं महारथ ये प्रजापति के पुत्र थे । इन भाईयों में से खनित्र मुख्य अधिपति था, एवं शौरि, उदावसु, सुनय एवं महारथ क्रमशः उसके राज्य के पूर्व, दक्षिण, पश्र्चिम एवं उत्तर भागो का कारोबार देखते थे । इन चार राजाओं के चार पुरोहित थे, जिनके नाम निम्न प्रकार थेः- अत्रिकुलोपत्पन्न सुहोत्र, गौतमकुलोत्पन्न कुशावर्त, कश्यपकुलोत्पन्न प्रमति, एवं वसिष्ठ। इसने उपर्युक्त चार ही पुरोहितों को खनित्र के विरूद्ध जारणमारणादि उपाय करने की प्रार्थना की। तदनुसार, इन चार पुरोहितों ने चार कृत्याओं का निर्माण किया, जिन्होंनें आगे चल कर खनित्र पत्र आक्रमण किया। किन्तु खनित्र के शुद्धाचरण के कारण, चार ही कृत्या परास्त हो कर लौट आयी, एवं उन्होंने अपने निर्माणकर्ता चार पुरोहितों के साथ इसका भी भक्षण किया
[मार्के. ११४] ।