योनेश्वर n. शिव का प्रथम अवतार, जो वैवस्वत मनु के रुप में इस पृथ्वी पर अवतीर्ण हुआ था । यह वराह कल्पान्तर्गत वैवस्वत मन्वन्तर मे, द्वापर युग शुरू होनें के पहले अवतीर्ण हुआ था ।
योनेश्वर II. n. विष्णु का एका अवतार, जो देवसावर्णि मन्वन्तर में वृहतीपुत्र देवहोत्र के रूप में अवतीणें हुआ था
[भा. ८.१३.३२] ।
योनेश्वर III. n. रौच्य मन्वन्तर का एक देवावतार ।
योनेश्वर IV. n. एक देवता का समूह, जो कलियुग के श्वेतकली नामक प्रथम खण्ड मे उत्पन्न हुआ था । इसमें निम्नलिखित देवता सम्मिलित थे---१.रुद्र, २.सुतार. ३.तारण. ४.सुहोत्र, ५. कंकण. ६.लोक. ७.जैगीपव्य, ८.दधिवाहन. ९.ऋषन. १०.उग्र. ११.अत्रि. १२.गौतम. १३. वेदशीर्ण, १४. गोकर्ण आदि
[स्कंद. १.२.४०] ।
योनेश्वर V. n. एक सुविख्यात योगीसमूह, जो भागवत धर्म के सर्वश्रेष्ठ ज्ञाता माने जाते है । ये ऋषम ऋषि के पुत्र थे, एवं नग्न अवस्था में सर्वत्र घूमते थे । इस समूह में निम्नलिखित योगी शामिल थे---कवि, हरि, अंतरिक्ष, प्रवुद्ध, पिप्पलायन, अविहोंत्रु, द्रुमिल, चमस एवं करभाजन । इस योगीसमूह नें मिथिलानरेश निमि के यज्ञ में भाग ले कर, उसे भागवतधर्म का उपदेश किया था
[भा. ११.२.५]