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श्री नैना देवी - तेरा अद्भुत रूप निराला, आ...
आरती हिन्दू उपासना की एक विधि है Aarti, ãrti, arathi, or ãrati is a Hindu ritual
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भजन - भाव -भोगी हमारे नैना ॥ ...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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नैना
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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oculus
Meanings: 7; in Dictionaries: 5
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optic
Meanings: 16; in Dictionaries: 7
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eye
Meanings: 50; in Dictionaries: 14
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भजन - करु मन, नंदनँदनको ध्यान ।...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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कबीर के दोहे - रामकी दिवानी नामकी दिवानी...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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भजन - लजीले , सकुचीले , सरसीले ...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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कबीर के दोहे - देना देना दरशन वांको लोभी...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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भजन - तूँ हीं मेरे रसना तूँ हीं...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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भजन - मो बिरहिनकी बात हेली , बि...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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भजन - चरन चलौ श्रीवृंदावन मग , ...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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वियोग - अरज म्हाँरी जाय कहीज्य...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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वियोग - रामा रामा रटते रटते ब...
भगवद्वियोगकी पीडाका चित्रण ’वियोग’ शीर्षकके अंतर्गत पदोंमें है ।
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संगीत मेघमल्हार
मराठी संगीत नाटक ही मराठी रंगभूमीला रामप्रहरी पडलेले एक सुखद स्वप्न होय.
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सहजोबाईजी - बचपन
सहजोबाई का संबंध चरणदासी संप्रदाय से है ।
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नाम महिमा - सीताराम सीताराम सीताराम ब...
भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।
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सहजोबाईजी - जीवन
सहजोबाई का संबंध चरणदासी संप्रदाय से है ।
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श्रीकृष्ण माधुरी - पद १०१ से १०५
इस पदावलीके संग्रहमें भगवान् श्रीकृष्णके विविध मधुर वर्णन करनेवाले पदोंका संग्रह किया गया है, तथा मुरलीके मादकताका भी सरस वर्णन है ।
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दुर्गापूजा-विधान
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
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दुर्गापूजा-विधान
प्रस्तुत पूजा प्रकरणात भिन्न भिन्न देवी-देवतांचे पूजन, योग्य निषिद्ध फूल यांचे शास्त्र शुद्ध विवेचन आहे.
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दोहे - १ से ५०
रहीम मध्यकालीन सामंतवादी कवि होऊन गेले. रहीम यांचे व्यक्तित्व बहुमुखी प्रतिभा-संपन्न होते. तसेच ते सेनापति, प्रशासक, आश्रयदाता, दानवीर, कूटनीतिज्ञ, बहुभाषाविद, कलाप्रेमी, कवि शिवाय विद्वानसुद्धां होते.
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बालकाण्ड - दोहा ६१ से ७०
गोस्वामी तुलसीदासने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की । संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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विधीः - दुर्गापूजनविधि:
जो मनुष्य प्राणी श्रद्धा भक्तिसे जीवनके अंतपर्यंत प्रतिदिन स्नान, पूजा, संध्या, देवपूजन आदि नित्यकर्म करता है वह निःसंदेह स्वर्गलोक प्राप्त करता है ।
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अध्याय २ रा - श्लोक ६१ ते ७२
स्वामी स्वरूपानंद ह्या थोर सत्पुरूषाने ‘ अभंग ज्ञानेश्वरी ‘ नामक अत्यंत सुबोध , नितांत सुंदर आणि परम रसाळ असा अभंगात्मक ग्रंथ लिहीला .
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सुन्दरकाण्ड - दोहा ३१ से ४०
गोस्वामी तुलसीदासजीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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किष्किन्धाकाण्ड - दोहा २१ से ३०
गोस्वामी तुलसीदासजीने रामचरितमानस ग्रन्थकी रचना दो वर्ष , सात महीने , छ्ब्बीस दिनमें पूरी की। संवत् १६३३ के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाहके दिन सातों काण्ड पूर्ण हो गये।
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मृग
Meanings: 167; in Dictionaries: 11
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अंक पहिला - प्रवेश पहिला
मद्यपान व त्याचे दुष्परिणाम या ज्वलंत विषयावर असलेले हे नाटक गडकर्यांनी इ.स. १९१७ सालाच्या सुमारास लिहिले.
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प्रेमचंद की कहानियाँ - कफ़न
मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी और उर्दू के महानतम भारतीय लेखकों में से एक हैं।
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कवितावली - भाग ५
‘कवितावली' गोस्वामी तुलसीदासच्या प्रमुख रचनांपैकी एक आहे. सोळाव्या शतकातील या ग्रंथात श्रीराम कथेचे वर्णन असून मूळ काव्य ब्रजभाषेत आहे.
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