कालीतंत्र - गुप्त काली मंत्र
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
गुप्त काली मंत्र
नौ वर्णीय मंत्र
क्रीं गुप्तकालिके क्रीं स्वाहा ।
उक्त मंत्र मनोकामनापूरक है ।
चौदह वर्णीय मंत्र
क्रीं हूं ह्नीं गुप्त कालिके हूं हूं ह्नीं ह्नीं स्वाहा ।
हूं ह्नीं गुप्त कालिके क्रीं क्रीं हूं ह्नीं ह्नीं स्वाहा ।
क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं गुप्त कालिके स्वाहा ।
सोलह वर्णीय मंत्र
क्रीं हूं ह्नीं गुप्ते कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं स्वाहा ।
उक्त मंत्र मनोभिलाषापूरक है ।
सत्रह वर्णीय मंत्र
हूं हूं ह्नीं ह्मीं गुप्त कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं स्वाहा ।
उक्त मंत्र धर्म, अर्थ, काम, मोक्षदाता है ।
इक्कीस वर्णीय मंत्र
क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं गुप्त कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूं हू ह्नीं ह्नीं स्वाहा ।
उक्त मंत्र सर्वकामना सिद्धिदायक है ।
साधना विधि
उक्त सभी मंत्रों की साधना में साधक दक्षिण कालिका की पूजा पद्धति में वर्णित न्यास, पूजा आदि को करे ।
गुप्तकाली के बलिदान में बलि निवेदन करते समय अधोलिखित मंत्र बोले:
बलिदान मंत्र
ऐह्येहि गुप्तकालिके मम बलि गृहण गृहण मम शत्रून् नाशय नाशय खादय खादय स्फुट स्फुट स्फुट छिन्धि सिद्धि देहि हूं फट् स्वाहा ।
आसन का मंत्र
ॐ सदाशिव महाप्रेताय गुप्तकाल्यासनाय नमः ।
गुप्तकाली के अन्न मंत्र
क्लीं हूं ह्नीं गुप्तेकालिके क्लीं क्लीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं स्वाहा ।
क्लीं हूं ह्नीं गुप्त कालिके हूं हूं ह्नीं ह्मीं स्वाहा ।
हूं ह्नीं गुप्ते कालिके क्लीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं स्वाहा ।
विद्याराज्ञी मंत्र साधना
दक्षिण काली के इस बाईस अक्षरीय मंत्र को विद्याराज्ञी भी कहा जाता है ।
मंत्रः क्रीं क्रीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्नीं ह्नीं स्वाहा ॥
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Last Updated : December 28, 2013
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