-
वामन पंडित - राजयोग
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: PAGE | Rank: 10.51146 | Lang: NA
-
वामन पंडित - श्रीहरिगीता
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: INDEX | Rank: 8.911983 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वामनचरित्र
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 7.492827 | Lang: NA
-
वामन पंडित - गजेंद्र मोक्ष
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 7.486298 | Lang: NA
-
वामन पंडित - रामजन्म
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 7.481787 | Lang: NA
-
वामन पंडित - विश्वास वध
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 7.479581 | Lang: NA
-
वामन पंडित - यज्ञपत्न्याख्यान
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 7.474544 | Lang: NA
-
वामन पंडित
वामन पंडितांच्या काव्य रचना म्हणजे मराठी काव्य प्रकारातील मैलाचे दगड होत.
Type: INDEX | Rank: 7.270723 | Lang: NA
-
वामन पंडित - अनुभूतिलेश
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: INDEX | Rank: 7.08218 | Lang: NA
-
वामन पंडित - कंसवध
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 6.321123 | Lang: NA
-
वामन पंडित - रुक्मिणी विलास
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वेणुसुधा
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भरत भाव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - चरमगुरुमंजरी.
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - चित्सुधा
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - अहिल्योद्धार
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - लोपामुद्रा संवाद
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - गीतार्णव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वेणुसुधा - प्रसंग २
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - शुकाष्टक
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - स्फूटश्लोक
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - नाम सुधा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
Type: INDEX | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वेणुसुधा - प्रसंग १
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - वेणुसुधा - प्रसंग ३
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - ब्रम्हस्तुति
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - सीता स्वयंवर
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - दंपत्य चरित्र
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.98033 | Lang: NA
-
वामन पंडित - साम्राज्यवामनटीका
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: INDEX | Rank: 5.960302 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भागवत रामायण
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 5.639538 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भागवत रामायण - अध्याय ३
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.639538 | Lang: NA
-
वामन पंडित - कर्मतत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
Type: INDEX | Rank: 5.639538 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भागवत रामायण - अध्याय २
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.639538 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भागवत रामायण - अध्याय १
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 5.639538 | Lang: NA
-
वामन पंडित - रुक्मिणी पत्रिका
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 4.012542 | Lang: NA
-
वामन पंडित - भामाविलास
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 4.012542 | Lang: NA
-
वामन पंडित - द्वारकाविजय
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: INDEX | Rank: 3.67175 | Lang: NA
-
साम्राज्यवामनटीका - श्लोक १ ते २०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: PAGE | Rank: 2.581753 | Lang: NA
-
रघुनाथ पंडित
रघुनाथ पंडित यांच्या काव्यात इतके माधुर्य व इतका रस आहे की, ते आरंभापासून शेवटापर्यंत वाचल्यावाचून मनाची तृप्ति होत नाही व एकदा वाचले म्हणजे पुनः वाचावेसे वाटते.
Type: INDEX | Rank: 2.371562 | Lang: NA
-
रघुनाथ पंडित - रामदास- वर्णन
रघुनाथ पंडित यांच्या काव्यात इतके माधुर्य व इतका रस आहे की, ते आरंभापासून शेवटापर्यंत वाचल्यावाचून मनाची तृप्ति होत नाही व एकदा वाचले म्हणजे पुनः वाचावेसे वाटते.
Type: PAGE | Rank: 2.233497 | Lang: NA
-
रघुनाथ पंडित - गजेंद्र मोक्ष
रघुनाथ पंडित यांच्या काव्यात इतके माधुर्य व इतका रस आहे की, ते आरंभापासून शेवटापर्यंत वाचल्यावाचून मनाची तृप्ति होत नाही व एकदा वाचले म्हणजे पुनः वाचावेसे वाटते.
Type: PAGE | Rank: 2.233497 | Lang: NA
-
वामनपंडित कृत स्फुट काव्यें
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
Type: INDEX | Rank: 2.0869 | Lang: NA
-
वामन नानाजी देशपांडे
महाराष्ट्र कविचरित्र - लेखक जगन्नाथ रघुनाथ आजगांवकर.
Type: PAGE | Rank: 2.040902 | Lang: NA
-
महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक ४१ ते ४४
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: PAGE | Rank: 2.005746 | Lang: NA
-
तत्वविवेक - श्लोक ३७ ते ४२
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 2.005746 | Lang: NA
-
महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक ९१ ते ९७
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 2.005746 | Lang: NA
-
तत्वविवेक - श्लोक ६५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: PAGE | Rank: 2.005746 | Lang: NA
-
अनुभूतिलेश - श्लोक २७१ ते २८५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: PAGE | Rank: 2.005746 | Lang: NA
-
महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक १३ ते १६
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
Type: PAGE | Rank: 2.005746 | Lang: NA
-
तत्वविवेक - श्लोक ५७ ते ६०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 2.005746 | Lang: NA
-
तत्वविवेक - श्लोक २७ ते ३०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
Type: PAGE | Rank: 2.005746 | Lang: NA