क्या देखे बादलकी छाया । क्या देखें बादलकी ॥ध्रु०॥
टामटूमसे शेला ओढे पगरिया बांधे जरकी ।
दो दीनका है झूटा पसारा आखर बस्ती है जंगलकी ॥१॥
क्या लाया क्या ले जावेगा साथ बांधके गठडी ।
घस जावेगा पाव यारो मिलगई मठ्ठीकी भट्टी ॥२॥
देखो रावन क्या बल जाया बस्ती है सुन्नेकी ।
जब वो लंका लूट गई तब रहे दिवा ना बत्ती ॥३॥
खाले पीले कर ले मौजा दया धरम कुछ नेकी ।
दास कबीरा योकर बोले कर कुछ सेवा संतोंकी ॥४॥