जमका अजब तडाका बे । तूं क्या जाने लडका बे ॥ध्रु०॥
बङे मिजाजी कठडे बैठे तकिया बिछाइत साजा ।
मार झपटकर जम ले जावे जैसा खबुतर बूझा ॥१॥
नवभी मर गये दसभी मर गये मर गये सहस्त्र अठ्यांशी ।
तेहतीस कोटी देवता मर गये पडे कालकी फांसी ॥२॥
पीर मरे पैगंबर मर गये मर गये जिंदा जोगी ।
जपी तपी संन्यासी मरगये मरगये हकीम रोगी ॥३॥
तीन लोगपर छत्र बिराजे लुटा कुंजबिहारी ।
कहत कबीरा सोबी मर गये रयत कौन बिचारी ॥४॥