-
वास्तु
Meanings: 43; in Dictionaries: 10
Type: WORD | Rank: 4.955989 | Lang: NA
-
तंत्र शास्त्र
तन्त्र शास्त्र में अनेकों शक्तियों की उपासना और साधना का रहस्य बतलाया गया है ।
Type: INDEX | Rank: 2.064453 | Lang: NA
-
अष्टादशोऽध्याय:
N/Aविश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 2.019953 | Lang: NA
-
द्वितीयोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.989226 | Lang: NA
-
प्रथमोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.971879 | Lang: NA
-
शल्य शास्त्र
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.747397 | Lang: NA
-
शास्त्र
Meanings: 34; in Dictionaries: 10
Type: WORD | Rank: 1.539124 | Lang: NA
-
मानसारम् - शङ्कुस्थापनलक्षणम्
'मानसारम्' वास्तुशास्त्रावरील एक प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.396519 | Lang: NA
-
मानसारम् - स्तम्भलक्षणम्
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
Type: PAGE | Rank: 1.389291 | Lang: NA
-
मानसारम् - ग्रामलक्षणम्
'मानसारम्' वास्तुशास्त्रावरील एक प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.389291 | Lang: NA
-
वास्तुशांती - वास्तु संकल्प
वास्तु्शांती म्हणजे वास्तु उभारताना यजमानाच्या हातून विविध चुका होतात किंवा दोष घडतात, त्यांची शांती. वास्तुपुरुषाची शांती नव्हे. While entering a new house, as per the Vedic tradition, a Vastushanti homam (shanti) is performed, this acts as a remedy for whatever malific influences are present in the house and removes the vastu doshas.
Type: PAGE | Rank: 1.372969 | Lang: NA
-
स्त्रीगीत - वास्तु समारंभ
मराठीतील स्त्रीगीतांना मातीचा वास आहे, कुळाचे ओज आहे, कारुण्याची चाल आहे, सुगरणीचा साज आहे आणि घरंदाज घरमालकिणीचा साटोपही आहे.
Type: PAGE | Rank: 1.325411 | Lang: NA
-
ज्योतिष शास्त्र
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
Type: INDEX | Rank: 1.189629 | Lang: NA
-
ज्योतिष शास्त्र
भारतके महान, बुद्धिमान ऋषीमुनीयोंने, सृष्टीमे जो भी चमत्कार होते है, वह जाननेकी जिज्ञासा तृप्त करनेके लिये, समस्त मानवजातीको नानाविध शास्त्रोंके जन्म दिया, उसीमे से एक है, ज्योतिषशास्त्र ।
Jyotisha or Horoscope is a prediction of someone's future based on the relative positions of the planets
Type: INDEX | Rank: 1.189629 | Lang: NA
-
वैद्यक शास्त्र
भारतीय शास्त्रांमध्ये वैद्यक शास्त्राने फार प्राचीन काळापासून प्रगती केलेली आहे, त्यापैकी चरक आणि सुश्रुत यांनी सर्व जगाला आरोग्यविषयक ज्ञान दिले.
Type: INDEX | Rank: 1.189629 | Lang: NA
-
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: INDEX | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
षष्टदशोध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
षष्ठोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
नवमोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
द्वादशोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
पंचमोध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
त्रयोदशोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
अष्टमोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
अन्तर्विषयाः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
एकादशोध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
सप्तदशोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
चतुर्दशोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
तृतीयोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
चतुर्थोऽध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
दशमोऽध्याय:
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
पंचदशोध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
सप्तमोध्यायः
विश्वकर्मकृतायां वास्तुशास्त्रे वास्तुविद्या
Type: PAGE | Rank: 1.178859 | Lang: NA
-
वास्तु प्रतिमा निक्षेप
वास्तु्शांती म्हणजे वास्तु उभारताना यजमानाच्या हातून विविध चुका होतात किंवा दोष घडतात, त्यांची शांती. वास्तुपुरुषाची शांती नव्हे.
Type: PAGE | Rank: 1.171053 | Lang: NA
-
ज्योतिष शास्त्र
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.099887 | Lang: NA
-
शास्त्र विरुद्ध
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.099887 | Lang: NA
-
राजनीति शास्त्र
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.099435 | Lang: NA
-
चिकित्सा शास्त्र
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.076288 | Lang: NA
-
शल्यचिकित्सा शास्त्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.042164 | Lang: NA
-
अध्यापन शास्त्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.9075996 | Lang: NA
-
शल्य चिकित्सा शास्त्र
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.8972549 | Lang: NA
-
गणित शास्त्र
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.8793795 | Lang: NA
-
आवडतें शास्त्र
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.8662912 | Lang: NA
-
गुरूची आरती - वेदां शास्त्र आणि अठरा पु...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
Type: PAGE | Rank: 0.8625358 | Lang: NA
-
भजन - शास्त्र न पढले तप ना आचार...
भजन - A bhajan or kirtan is a Hindu devotional song , often of ancient origin. Great importance is attributed to the singing of bhajans with Bhakti , i.e. loving devotion. "Rasanam Lakshanam Bhajanam" means the act by which we feel more closer to our inner self or God, is a bhajan. Acts which are done for the God is called bhajan.
Type: PAGE | Rank: 0.8625358 | Lang: NA
-
श्री कल्याण स्तवन - मुकें शास्त्र पौराण वेदास...
रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
Type: PAGE | Rank: 0.8550252 | Lang: NA
-
मानसारम् - पदविन्यासलक्षणम्
'मानसारम्' वास्तुशास्त्रावरील एक प्राचीन ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.8335791 | Lang: NA
-
मानसारम् - रथलक्षणम्
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
Type: PAGE | Rank: 0.8335791 | Lang: NA
-
मानसारम् - गृहप्रवेशविधानम्
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
Type: PAGE | Rank: 0.8335791 | Lang: NA
-
मानसारम् - वृषभलक्षणम्
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
Type: PAGE | Rank: 0.8335791 | Lang: NA
-
मानसारम् - कल्पवृक्षविधानम्
प्रस्तुत ग्रंथ शके १८३६ यावर्षी कै. गुरूभक्त व्यंकटरमणा मच्छावार यांनी प्रसिद्ध केला होता.
Type: PAGE | Rank: 0.8335791 | Lang: NA