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कामिका एकादशी
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कृष्णपक्ष की एकादशी
श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहते है ।
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कामिका
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एकादशी महात्म्य - कामिका एकादशी
एकादशी व्रताचे नुसते श्रवण केल्यासही श्रोत्याला या जगात अनेक सुखोपभोग मिळतात व शेवटी त्याला विष्णुलोकात स्थान प्राप्त होते.
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کامیکا گیارہویں
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कामिकैकादशी
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কামিনী একাদশী
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କାମିକା ଏକାଦଶୀ
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ਸਾਵਣ ਕ੍ਰਿਸ਼ਨ ਇਕਾਦਸ਼ੀ
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કામિકા એકાદશી
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ஆவணி மாத ஏகாதசி
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కామికాఏకాదశి
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കാമിക ഏകാദശി
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श्रावण-कृष्ण एकादशी
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पैठा होणें
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श्रावण कृष्णपक्ष व्रत - कृष्णैकादशी
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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बारा एकादशी
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श्यामात्मजकृत पदें १५९ ते १६२
पद हा अभंगाचाच एक प्रकार असून लयीत गाता येतो, शिवाय गाण्याची कोणतीही ठराविक वेळ नसते.
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एकादशी महात्म्य - अनुक्रम
एकादशी व्रताचे नुसते श्रवण केल्यासही श्रोत्याला या जगात अनेक सुखोपभोग मिळतात व शेवटी त्याला विष्णुलोकात स्थान प्राप्त होते.
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माघ शुक्लपक्ष व्रत - सप्तसप्तमी
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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एकादशी महात्म्य - अनुक्रम
एकादशी व्रताचे नुसते श्रवण केल्यासही श्रोत्याला या जगात अनेक सुखोपभोग मिळतात व शेवटी त्याला विष्णुलोकात स्थान प्राप्त होते.
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उत्तरखण्डः - अध्यायः ५४
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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lunar
Meanings: 14; in Dictionaries: 9
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उत्तरखण्डः - अध्यायः ५३
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २५४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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देवी स्तोत्र - अथ देव्याः कवचम्
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार.करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as ' Shakti' since vedic times.
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एकादशी
Meanings: 13; in Dictionaries: 10
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त्रेतायुगसन्तानः - अध्यायः १६६
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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एकादशी व्रत परिचय
एकादशी व्रत करने वाला दिव्य फल को प्राप्त करता है ।
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देवी कवच - ॐ अस्य श्रीचण्डीकवचस्य ब्...
देवी कवच
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नासिकेतोपाख्यान - अध्याय ११
महीपति महाराजांनी कथन केलेली नासिकेत ग्रंथावली साधु तुकाराम महाराजांनी लिहून घेतली .
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माघ शु. सप्तमी
Magha shudha Saptami
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मन्त्रमहोदधिः - पञ्चमः तरङ्गः
इस ग्रंथमें जितने भी देवताओंके मंत्रप्रयोग बतलाये गए हैं , उन्हें सिद्ध करनेसे उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
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कळा
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रामतापिन्युपनिषत्
जन्ममरणाचे निवारण करून ब्रह्मपदाला पोचविणारी विद्या म्हणजे उपनिषद्.
Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः ११८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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मन्त्रमहोदधिः - द्वितीयः तरङ्गः
इस ग्रंथमें जितने भी देवताओंके मंत्रप्रयोग बतलाये गए हैं , उन्हें सिद्ध करनेसे उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
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मन्त्रमहोदधिः - नवमः तरङ्गः
श्रीमन्महीधर भट्ट ने स्वयं इस ग्रंथ में शान्ति , वश्य , स्तम्भन , विद्वेषण , उच्चाटण और मारण की विधि बताई है ।
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मन्त्रमहोदधौ गणेशतरड्ग:
गणेशाच्या प्रस्तुत उपासना केल्याने सर्व मनोकामना पूर्ण होतात.
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संकेत कोश - संख्या २४
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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२४
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श्रीगुरुगीता
रंगनाथ स्वामींचा ( निगडीकर ) जन्म शके १५३४ मध्ये मार्गशीर्ष शु. १० मी रविवारीं झाला.
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श्री नारदीयमहापुराणम् - चतुःसप्ततितमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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सारस्वत चम्पू - सर्ग ११
सारस्वत चम्पू
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कथाकल्पतरू - स्तबक ५ - अध्याय १३
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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श्रीसिध्दान्तबोध - अध्याय ३ रा
‘श्रीसिध्दान्तबोध’ हा संतकवि श्रीशहामुनि यांचा ग्रंथ म्हणजे मराठी वाड्मयाच्या खाणींतील एक तेजस्वी हिरा आहे.
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श्री दत्तप्रबोध - अध्याय अकरावा
श्री अनंतसुत विठ्ठल उर्फ कावडीबाबा विरचित ’श्री दत्तप्रबोध’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने ’गुरुचरित्र’ पारायणाचे पुण्य मिळते.
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श्री नवनाथ भक्तिसार पोथी - अध्याय १
श्रीनवनाथभक्तिसार ही पोथी अत्यंत श्रेष्ठ असून परमप्रासादिक आहे व साधकाला विधिपूर्वक वाचन केले असता दिव्य अनुभव मिळतो.
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मन्त्रमहोदधि - नवम तरङ्ग
`मन्त्रमहोदधि' इस ग्रंथमें अनेक मंत्रोंका समावेश है, जो आद्य माना जाता है।
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मन्त्रमहोदधि - त्रयोदश तरङ्ग
`मन्त्रमहोदधि' इस ग्रंथमें अनेक मंत्रोंका समावेश है, जो आद्य माना जाता है।
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