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जय जय राम जय सूर सूद...

नाम महिमा - जय जय राम जय सूर सूद...

भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।


जय जय राम जय सूर सूदन ! जय माधव जय विष्णो ।

जय लक्ष्मी मुख कमल मधुव्रत । जय दशकन्धर जिष्णो ॥१॥

हर मम नरक रिपो नारायण । केशव कल्मष भारम् ।

मामनुकंपय दीनमनाथं । कुरु भवसागर पारम् ॥२॥

त्वं जननी जनक प्रभुरच्युत ! त्वं च सुहृत् कुलमित्रम् ।

त्वं शरणं शरणागवत्सल ! त्वं भव जलधि वहित्रम् ॥३॥

अपराधं मे मुरहर परिहर । कुर्वे चरणाश्रयणम् ।

संसारार्णवतरणे करुणावरुणालय भवशरणम् ॥४॥

करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्

वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि ॥५॥

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव ।

जिह्ले पिबस्वामृतमेदेव गोविन्द दामोदर माधवेति ॥६॥

सुखवसाने इदमेव सारं दु:खावसाने इदमेव ज्ञेयम् ।

देहावसाने इदमेव जाप्यं गोविन्द दामोदर माधवेति ॥७॥

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Last Updated : January 22, 2014

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