हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|भजनामृत|महिमा|
जाउँ कहाँ तजि चरन तुम...

नाम महिमा - जाउँ कहाँ तजि चरन तुम...

भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।


जाउँ कहाँ तजि चरन तुम्हारे ।

काको नाम पतित पावन जग, केहि अति दीन पियारे ॥१॥

कौने देव बराइ बिरद-हित, हठि-हठि अधम उधारे ।

खग, मृग, ब्याध, पषान, बिटप जड़, जवन कवन सुर तारे ॥२॥

देव, दनुज, मुनि, नाग, मनुज, सब, माया बिबस बिचारे ।

तिनके हाथ दास तुलसी प्रभु कहा अपनपौ हारे ॥३॥

N/A

References : N/A
Last Updated : January 22, 2014

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP