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बोल हरि बोल , हरि हरि ...

नाम महिमा - बोल हरि बोल , हरि हरि ...

भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।


बोल हरि बोल, हरि हरि बोल, केशव माधव गोविन्द बोल ॥टेर॥

नाम प्रभु का है सुखकारी, पाप कटेंगे क्षणमें भारी ।

नामका पीले अमृत घोल, केशव माधव गोविन्द बोल ॥१॥

शबरी अहिल्या सदन कसाई, नाम जपनसे मुक्ति पाई ।

नाम की महिमा है बेतोल , केशव माधव गोविन्द बोल ॥२॥

सुवा पढ़ावत गणिका तारी, बड़े-बड़े निशिचर संहारी ।

गिन-गिन पापी तारे तोल, केशव माधव गोविन्द बोल ॥३॥

नरसी भगतकी हुण्डी सिकारी, बन गयो साँवलशाह बनवारी।

कुण्डी अपने मनकी खोल, केशव माधव गोविन्द बोल ॥४॥

जो-जो शरण पड़े प्रभु तारे, भवसागरसे पार उतारे ।

बन्दे तेरा क्या लगता है मोल, केशव माधव गोविन्द बोल ॥५॥

राम-नामके सब अधिकारी बालक वृध्द युवा नर नारी ।

हरि जप इत-उत कबहुँ न डोल, केशव माधव गोविन्द बोल ॥६॥

चक्रधारी भज हर गोविन्दम्, मुक्तिदायक परमानन्दम् ।

हरदम कृष्ण मुरारी बोल, केशव माधव गोविन्द बोल ॥७॥

रट ले मन ! तू आठों याम, राम नाममें लगे न दाम ।

जन्म गवाँता क्यों अनमोल, केशव माधव गोविन्द बोल ॥८॥

अर्जुनका रथ आप चलाया, गीता कहकर ज्ञान सुनाया ।

बोल, बोल हित-चितसे बोल, केशव माधव गोविन्द बोल ॥९॥

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Last Updated : January 22, 2014

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