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रघुपति राघव राजाराम , प...

नाम महिमा - रघुपति राघव राजाराम , प...

भगवन्नामकी महिमा अपरंपार है, नामोच्चारसे जीवनके पाप नष्ट हो जाते है ।


रघुपति राघव राजाराम, पतित-पावन सीताराम ।

सीताराम सीताराम, भज मन प्यारे सीताराम ॥१॥

भीड़ पड़ी भक्तोंने पुकारा कष्ट हरा प्रभु आप हमारा ।

तब दशरथ घर प्रगटे राम, पतित-पावन सीताराम ॥२॥

ताड़क वनमें ताड़का मारी, गौतम नारि अहिल्या तारी ।

सब ऋषियोंके पूरणकाम, पतित- पावन सीताराम ॥३॥

जनकपुरीमें शिव-धनु तोरी, सीताराम विवाह भयो री ।

कैसी सुन्दर जोरी राम, पतित-पावन सीताराम ॥४॥

राजतिलककी देख तैयारी, कैकयीने तब बात बिगाड़ी ।

चौदह वर्ष गये वन राम , पतित-पावन सीताराम ॥५॥

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Last Updated : January 22, 2014

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