हे पिंजरे की ये मैना, भजन कर ले राम का ,
भजन कर ले राम का, भजन कर ले श्याम का ॥टेर॥
राम नाम अनमोल रतन है, राम राम तूँ कहना ,
भवसागर से पार होवे तो, नाम हरिका लेना ॥१॥
भाई-बन्धु कुटुम्ब कबीलो, कोई किसी को है ना ,
मतलब का सब खेल जगत् में, नहीं किसी को रहना ॥२॥
कोड़ी-कोड़ी माया जोड़ी, कभी किसी को देई ना,
सब सम्पत्ति तेरी यहीं रहेगी, नहीं कछु लेना-देना ॥३॥