कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत - दीपदान

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


दीपदान

( कृत्यचन्द्रिका ) -

इसी दिन प्रदोषके समय तिल - तेलसे भरे हुए प्रज्वलित और सुपूजित चौदह दीपक लेकर

' यममार्गान्धकारनिवारणार्थे चतुर्दशदीपानां दानं करिष्ये ।'

से संकल्प करके ब्रह्मा, विष्णु और महेशादिके मन्दिर, मठ, परकोठा, बाग, बगीचे, बावली, गली, कूचे, नजरनिवास ( हमेशा निगाहमें आनेवाले बाग ), घुड़शाला तथा अन्य सूने स्थानोंमे भी यथाविभाग दीपस्थापन करे । इस प्रकारके दीपकोंसे यमराज संतुष्ट होते हैं ।

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Last Updated : January 22, 2009

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