कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत - यम दीपदान

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


यम - दीपदान

( स्कन्दपुराण ) -

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशीको सायंकालके समय किसी पात्रमें मिट्टीके दीपक रखकर उन्हें तिलके तेलसे पूर्ण करे । उनमें नवीन रुईकी बत्ती रखे और उनको प्रकाशित करके गन्धादिसे पूजन करे । फिर दक्षिण दिशाकी ओर मुँह करके

' मृत्युना दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह । त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम ॥'

से दीपोंका दान करे तो उससे यमराज प्रसन्न होते हैं । यह त्रयोदशी प्रदोषव्यापिनी शुभ होती है । यदि वह दो दिन हो या न हो तो दूसरे दिन करे ।

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Last Updated : January 21, 2009

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