हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|कार्तिकके व्रत|कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत| कृष्णैकादशी कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत कार्तिकस्त्रान करकचतुर्थी दम्पत्यष्टमी कृष्णैकादशी गोवत्सद्वादशी नीराजनद्वादशी यम दीपदान धनत्रयोदशी गोत्रिरात्र रुपचतुर्दशी हनुमज्जन्म यम तर्पण दीपदान नरकचतुर्दशी कार्तिकी अमावास्या कौमुदी महोत्सव दीपावली लक्ष्मीपूजन कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत - कृष्णैकादशी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalkartikvratकार्तिकमहिनाव्रतसण कृष्णैकादशी Translation - भाषांतर कृष्णैकादशी ( ब्रह्मवैवर्त ) - कार्तिक कृष्णकी एकादशीका नाम ' रमा ' है । इसका व्रत करनेसे सब पापोंका क्षय होता है । इसकी कथाका सार यह है कि - ' प्राचीन कालमें मुचुकुन्द नामका राजा बड़ा धर्मात्मा था । उसके इन्द्र, वरुण, यम, कुबेर और विभीषण - जैसे मित्र और चन्द्रभागा - जैसी पुत्री थी । उसका विवाह दूसरे राज्यके शोभनके साथ हुआ था । विवाहके बाद वह ससुराल गयी तो उसने देखा कि वहाँका राजा एकादशीका व्रत करवानेके लिये ढोल बजवाकर ढिंढोरा पिटवाता है और उससे उसका पति सूखता है । यह देखकर चन्द्रभागाने अपने पतिको समझाया कि ' इसमें कौन - सी बड़ी बात है । हमारे यहाँ तो हाथी, घोड़े, गाय, बैल, भैंस, बकरी और भेड़तकको एकादशी करनी पड़ती है और इतात्रिमित्त उस दिन उनको चारा - दानातक नहीं दिया जाता । यह सुनकर शोभनने व्रत कर लिया N/A References : N/A Last Updated : January 21, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP