हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|कार्तिकके व्रत|कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत| दम्पत्यष्टमी कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत कार्तिकस्त्रान करकचतुर्थी दम्पत्यष्टमी कृष्णैकादशी गोवत्सद्वादशी नीराजनद्वादशी यम दीपदान धनत्रयोदशी गोत्रिरात्र रुपचतुर्दशी हनुमज्जन्म यम तर्पण दीपदान नरकचतुर्दशी कार्तिकी अमावास्या कौमुदी महोत्सव दीपावली लक्ष्मीपूजन कार्तिक कृष्णपक्ष व्रत - दम्पत्यष्टमी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalkartikvratकार्तिकमहिनाव्रतसण दम्पत्यष्टमी Translation - भाषांतर दम्पत्यष्टमी ( हेमाद्रि ) - पुत्रकी कामनावले स्त्री - पुरुषोंको चाहिये कि वे कार्तिक कृष्णाष्टमीको डाभकी पार्वती और शिव बनाकर उनका स्त्रान, गन्ध, अक्षत, पुष्प और नैवेद्यसे पूजन करें और उनके समीपमें ब्राह्मणका पूजन करके उसे दक्षिणा दें । ऐसा करनेसे पुत्रकी प्राप्ति होती है । इस व्रतमें चन्द्रोदयव्यापिनी तिथि लेनी चाहिये । यदि वह दो दिन हो या दोनों ही दिन न हो तो दूसरे दिन व्रत करना चाहिये । N/A References : N/A Last Updated : January 21, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP