हिंदी सूची|व्रत|अन्य व्रत| अश्वत्थोपनयनव्रत अन्य व्रत मौनव्रत शत्रुनाशकव्रत लक्षपूजाव्रत लक्षतुलसीदलार्पणव्रत लक्षप्रमामव्रत लक्षप्रदक्षिणाव्रत लक्षवर्तिप्रदानव्रत लक्षवर्तिदानव्रत गोपद्मव्रत धारणपारणव्रत अश्वत्थोपनयनव्रत अश्वत्थप्रदक्षिणाव्रत द्वादशमासव्रत सम्पत्तिप्रद श्रीव्रत सुतप्रद धर्ममूलव्रत मेधावर्द्धक ग्रहणव्रत अनिष्टहर ग्रहणव्रत वैधव्य योग नाशक सावित्रीव्रत वैधव्यहर अश्वत्थव्रत वैधव्यहर कर्कटीव्रत प्रदोष व्रत वैधव्यहर अश्वत्थव्रत वैधव्यहर कर्कटीव्रत वैधव्यहर विवाहव्रत अश्वत्थोपनयनव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : dayvratव्रत अश्वत्थोपनयनव्रत Translation - भाषांतर अश्वत्थोपनयनव्रत ( शौनक ) - वृक्षारोपणके शुभ दिवसमें पुरुष जातिके पीपलका रोपण करे । उसको आठ वर्षपर्यन्त जल आदि पोषणोंसे दीर्घजीवी बनावे । फिर ज्यौतिषशास्त्रोक्त उत्तम मुहूर्तमें अश्वत्थका उपनयन ( यज्ञोपवीत - संस्कार ) करे । उसके लिये वेदपाठी ब्राह्मणोंका वरण करके गणपतिपूजन, मातृकापूजन, नान्दीश्राद्ध और पुण्याहवाचन करके गायन, वादन तथा नृत्यके साथ - साथ स्त्रीसमाज और बन्धु - बान्धवोंसहित अभीष्ट पीपलके ईशान कोणमें बैठकर पुण्याहवाचन करे । पीपलको पञ्चामृत ( दूध, दही, घी, खाँड और शहद ) से स्त्रान कराये । धोती और अँगोछा धारण कराये । उसके पीछे मूँजकी मेखलासे अश्वत्थको तीन बार लपेटे और ' यज्ञोपवीतं०' से यज्ञोपवीत धारण कराकर दण्ड और कृष्णाजिन उसके समीप रखे । फिर उससे पश्चिममें उपस्थित होकर गन्ध - पुष्पादिसे उसका पूजन करे और उससे पूर्वमें अपनी पद्धतिके विधानसे हवन करे । इसमें ' इन्द्राय ', ' अग्नये ', ' सोमाय ', ' प्रजापतये ', आदिके अनन्तर ' अश्वत्थेवो० ', ' ॐ या ओषधी० ' और ' वनस्पतये० ' - इन मन्त्नोसे तीन - तीन आहुतियाँ और दे । फिर अश्वत्थसे पश्चिममें पूर्वाभिमुख बैठकर दाहिने हाथसे अश्वत्थको स्पर्श करके उसको तीन बार गायत्रीमन्त्न श्रवण करावे । पीछे हवनको समाप्त कर सवत्सा गौ, अन्न और पूजन - सामग्री आदिका दान करे एवं ब्राह्मणोंको भोजन कराकर स्वयं भोजन करे तो लक्ष्मीकी प्राप्ति और कुलका उद्धार होता है । N/A References : N/A Last Updated : January 16, 2012 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP