लक्षवर्तिदानव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


लक्षवर्तिदानव्रत

( वायुपुराण ) - किसी भी शुभ दिनमें कपासकी एक लाख बत्तियाँ बनाकर उनको घृत - प्लावित करे । ( भलिभाँति भिगोये ) और उनमेंसे शत, सहस्त्र या अयुत ( जैसी सुविधा और अनुकूलता हो ) मन्दिरमें देकर एक लाख पूर्ण करे तो बड़ा पुण्य होता है, सब प्रकारके उपद्रव शान्त हो जाते हैं और देवलोककी प्राप्ति होती है ।

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Last Updated : January 16, 2012

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