हिंदी सूची|व्रत|अन्य व्रत| गोपद्मव्रत अन्य व्रत मौनव्रत शत्रुनाशकव्रत लक्षपूजाव्रत लक्षतुलसीदलार्पणव्रत लक्षप्रमामव्रत लक्षप्रदक्षिणाव्रत लक्षवर्तिप्रदानव्रत लक्षवर्तिदानव्रत गोपद्मव्रत धारणपारणव्रत अश्वत्थोपनयनव्रत अश्वत्थप्रदक्षिणाव्रत द्वादशमासव्रत सम्पत्तिप्रद श्रीव्रत सुतप्रद धर्ममूलव्रत मेधावर्द्धक ग्रहणव्रत अनिष्टहर ग्रहणव्रत वैधव्य योग नाशक सावित्रीव्रत वैधव्यहर अश्वत्थव्रत वैधव्यहर कर्कटीव्रत प्रदोष व्रत वैधव्यहर अश्वत्थव्रत वैधव्यहर कर्कटीव्रत वैधव्यहर विवाहव्रत गोपद्मव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : dayvratव्रत गोपद्मव्रत Translation - भाषांतर गोपद्मव्रत ( भविष्यपुराण ) - आषाढ़ शुक्ल एकादशीको प्रातःस्त्रानादिके पश्चात् गौके निवासस्थानको गोबरसे लीपकर उसमें ३३ पद्म ( कमल ) स्थापन करके उनका गन्ध - पुष्पादिके पूजन करे और ३३ अपूप ( पूए ) भोग लगाकर उतने ही अर्घ्य, प्रदक्षिणा और प्रणाम अर्पण कर व्रत करे । इस प्रकार कार्तिक शुक्ल एकादशीपर्यन्त प्रतिदिन करनेके पश्चात् द्वादशीको पहले वर्षमें पूए, दूसरेमें खीर और पूए, तीसरेमें मँडके, चौथेमें गुड़ और मँडके और पाँचवेंमें घृतपाचित ( घीमें पकाये हुए ) मण्डकोंसे पारण करके उद्यापन करे तो जीवनपर्यन्त सुख - सम्पत्तिसे युक्त रहता है और परमलोकमें स्वर्गीय सुख प्राप्त होते हैं । N/A References : N/A Last Updated : January 16, 2012 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP