सुषेण n. धृतराष्ट्रकुलोत्पन्न एक नाग, जो जनमेजय के सर्पसत्र में दग्ध हुआ था
[म. आ. ५७.१६] ।
सुषेण (वानर) n. एक सुविख्यात वानरप्रमुख, जो धर्म नामक वानर का पुत्र, एवं वानरराज वालि का श्र्वशुर था । यह एक सुविख्यात युद्धविशारद ही नहीं, बल्कि वैद्यक शास्त्रज्ञ भी था । सीता शोध के लिए, पश्चिम दिशा में गये हुए वानरदल का यह प्रमुख था ।
सुषेण (वानर) n. इस युद्ध में लक्षावधि वानर सैनिकों को ले कर, यह राम के पक्ष में शामिल हुआ था ।
[म. व. २६७.२] । विद्युन्मालिन् राक्षस से युद्ध कर, इसने उसका वध किया था
[वा. रा. यु. ४३.१४] । रावणपुत्र इंद्रजित का वध होने के पश्चात्, रावण ने लक्ष्मण वपर अमोघ शक्ति फेंकी, जिस कारण लक्ष्मण मूर्च्छित हो गया, एवं हजारों वानर आहत हो गये। उस समय, इसने विशल्यकरिणी, सावर्ण्यकारिणी, संजीवनी संधानी आदि औषधियों का उपयोग कर, लक्ष्मण की मूर्च्छा भंग की। उसी समय, मूर्च्छना लानेवाली औषधियों का उपयोग कर आहत वानर सैनिकों के शरीर में घुसे हुए शस्त्र बाहर निकाले
[वा. रा. यु. ९१.२४-२७] । लक्ष्मण के लिए आवश्यक औषधियाँ महादेव पर्वत से लाने की आज्ञा इसने हनुमत् को दी थी, किंतु उन औषधियों का ज्ञान न होने के कारण, हनुमत् उस पर्वत को ही अपने हाथ पर उठा कर ले आया
[वा. रा. यु. १०१] । राम के राज्याभिषेक के समय यह उपस्थित था, उस समय दक्षिण समुद्र का पानी इसने राज्याभिषेके के लिए इसने उन्हें अर्पित किया था
[वा. रा. यु. १२८.५४] ।
सुषेण (वानर) n. इसकी कन्या का नाम तारा था, जिसका विवाह वानरराज वालिन् से हुआ था । इसके मैंद एवं द्विविद अन्य नामक दो पुत्र भी थे
[वा. रा. कि. ४२.१] ।
सुषेण II. n. (सो. पुरु.) एक राजा, जो अविक्षितपुत्र परिक्षित् राजा का पुत्र था
[म. आ. ८९.४८] ।
सुषेण III. n. जमदग्नि एवं रेणुका के पुत्रों में से एक । रेणुका का वध करने की जमदग्नि ऋषि की आज्ञा इसने अमान्य की थी । इस कारण उसने इसे शाप दिया । आगे चल कर, परशुराम ने जमदग्नि के शाप से इसे मुक्त कराया
[म. व. १३६.१०-१७] ।
सुषेण IV. n. (सो. कुरु.) धृतराष्ट्र का एक पुत्र, जो भारतीय युद्ध में भीमसेन के द्वारा मारा गया
[म. भी. ७.२८] ;
[म. द्रो. १०२.९४] । इसके वध का निर्देश महाभारत में दो स्थानों पर प्राप्त है, जिससे प्रतीत होता है कि, यह एक व्यक्ति न हो कर एक ही नाम के दो व्यक्ति थे । एक यादव राजा, जो वभ्रु राजा का पुत्र, एवं सभाक्ष राजा का पिता था
[ह. वं. २.३८] ।
सुषेण IX. n. ०. सुतपस् देवों में से एक (सुतपस् १६. देखिये) ।
सुषेण V. n. (सो. कुरु. भविष्य.) एक राजा, जो विष्णु एवं मत्स्य के अनुसार वृष्णिमत् राजा का, भागवत के अनुसार वृष्टिमत् राजा का, एवं वायु के अनुसार कतिमत् राजा का पुत्र था ।
सुषेण VI. n. कंस के द्वारा मारा गया देवकी का एक पुत्र ।
सुषेण VII. n. स्वारोचिष मनु का एक पुत्र ।
सुषेण VIII. n. एक मरुत्, जो मरुतों के द्वितीय गण में समाविष्ट था ।
सुषेण X. n. १. एक गंधर्व, जो माघ माह के पूषन् के साथ भ्रमण करता है
[भा. १२.११.३९] ।
सुषेण XI. n. २. कर्ण का एक पुत्र एवं चक्ररक्षक, जो दुर्योधन पक्ष का प्रमुख योद्धा था
[म. क. ३९.४०] । यह द्रौपदीस्वयंवर में उपस्थित था । भारतीय युद्ध में यह उत्तमौजस् के द्वारा मारा गया
[म. क. ५३.१०.११] ।
सुषेण XII. n. ३. कर्ण का एक पुत्र
[म. श. ५.३] । भारतीय युद्ध में यह नकुल के द्वारा मारा गया
[म. श. ९. ४७-४९] ।
सुषेण XIII. n. ४. कर्ण का एक पुत्र, जिसने भारतीय युद्ध में केकयाधिपति उग्रधन्वन् के साथ युद्ध किया था । अंत में यह यादव राजा सात्यकि के द्वारा मारा गया
[म. क. ६०.४-६] ।