-
आनंदतनय - निघे दंडका राम कोदंडपाणी;...
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 3.385743 | Lang: NA
-
आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
Type: PAGE | Rank: 2.607632 | Lang: NA
-
आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
Type: PAGE | Rank: 2.58971 | Lang: NA
-
आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
Type: PAGE | Rank: 2.580415 | Lang: NA
-
आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
Type: PAGE | Rank: 2.575768 | Lang: NA
-
आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
Type: PAGE | Rank: 1.271618 | Lang: NA
-
आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
Type: PAGE | Rank: 1.271618 | Lang: NA
-
आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
Type: PAGE | Rank: 1.271618 | Lang: NA
-
आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
Type: PAGE | Rank: 1.271618 | Lang: NA
-
आनंदतनय
विविध कवींच्या प्राचीन कविता शके १८२७ मध्ये श्री. भावे यांनी प्रसिद्ध केल्या.
Type: PAGE | Rank: 1.271618 | Lang: NA
-
आनंदतनय
' अभंग ' म्हणजे संतकवींनी समाजजागृतीसाठी केलेल्या रसाळ रचना.
Type: PAGE | Rank: 1.271618 | Lang: NA
-
वि. मो. महाजनी - कोठें गेले थोर पृथ्वीपती ...
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 1.136539 | Lang: NA
-
दु. आ. तिवारी - तळहातीं शिर घेउनिया दख्खन...
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 1.136539 | Lang: NA
-
रामजोशी - भला जन्म हा तुला लाधला खु...
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 1.136539 | Lang: NA
-
वसंत - पद प्रसन्न फुलल्या फुलां...
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 1.136539 | Lang: NA
-
य. न. केळकर - सागराची बाव । पहाडाची धाव...
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 1.136539 | Lang: NA
-
कृष्णशास्त्री राजवाडे - ढगापाठीमागें ढग जमुनि हे ...
मराठी शब्दसंपत्ति
Type: PAGE | Rank: 1.136539 | Lang: NA
-
नौकाचरित्र
विविध कवींच्या प्राचीन कविता शके १८२७ मध्ये श्री. भावे यांनी प्रसिद्ध केल्या.
Type: PAGE | Rank: 0.9741762 | Lang: NA
-
राधाविलास
विविध कवींच्या प्राचीन कविता शके १८२७ मध्ये श्री. भावे यांनी प्रसिद्ध केल्या.
Type: PAGE | Rank: 0.9741762 | Lang: NA
-
टणकारणें
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.07435928 | Lang: NA
-
टणत्कारणें
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.07435928 | Lang: NA
-
काहवा
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06506436 | Lang: NA
-
निमोणा
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.05576946 | Lang: NA
-
हात घालणें
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.04647455 | Lang: NA
-
तूणीर
Meanings: 6; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.03717964 | Lang: NA
-
अमृतध्वनि
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
Type: PAGE | Rank: 0.02788473 | Lang: NA
-
उमा
लेखक - परशुराम बल्लाळ गोडबोले
Type: PAGE | Rank: 0.02788473 | Lang: NA
-
महाराष्ट्र शब्दकोश - ग्रंथसंक्षेप सूची
महाराष्ट्र शब्दकोश - ग्रंथसंक्षेप सूची
See all words in Maharashtra Shabdakosh here .
Type: PAGE | Rank: 0.02697426 | Lang: NA
-
चकणें
Meanings: 5; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.02323727 | Lang: NA
-
तूण
Meanings: 15; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.02323727 | Lang: NA
-
सन्मणिमाला ३
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 0.01394236 | Lang: NA
-
शनिवार सायंस्मरण - भजन - सदगुरुनाथे माझे आ...
हरिगुणगानाच्या अभ्यासाने दिवसेंदिवस श्रद्धा बळकट होत जाते आणि हरिस्मरणात मन रमू लागते .
Type: PAGE | Rank: 0.01394236 | Lang: NA
-
प्रल्हाद चरित्र
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
Type: PAGE | Rank: 0.008133045 | Lang: NA
-
अध्याय ५७
संतकवी महीपतीबोवा ताहराबादकर विरचित
Type: PAGE | Rank: 0.004647455 | Lang: NA
-
॥प्रसंग॥ १०२
एका रामदासीने "दासविश्रामधाम" नावाचे मोठे बाड चार भागात ओवी रुपात लिहिले. धुळ्याचे सज्जन ब्राम्हण व राजवाडे संस्था नि ब्राम्हण बँकांनी ते सन १९३० च्या दरम्यान छापून घेतले.
Type: PAGE | Rank: 0.004647455 | Lang: NA
-
हात
Meanings: 321; in Dictionaries: 8
Type: WORD | Rank: 0.003485591 | Lang: NA
-
ज्योतिपंत महाभागवत
महाराष्ट्र कविचरित्र - लेखक जगन्नाथ रघुनाथ आजगांवकर.
Type: PAGE | Rank: 0.002904659 | Lang: NA