कन्हया क्या कहेना तुजकू । मुज है जाना मथुरेकू ॥ध्रु०॥
भर रस्तेसे मुजे अडाता । क्या तेरी बलजोरी ।
चक्कामक्का सबही खाया । फोडी मोरी घगरी ॥१॥
सबही गवालन मिलोके जाऊं । आगे तोडूं बाल ।
कंस पास फिराद जाऊं । तुम नंदके लाल ॥२॥
कहत कबीरा सुनो गवालन । दे जोबन कां दान ।
वनसीवाला मुजे अडाता । क्यौं करती अपमान ॥३॥