बाबा सो बालक में नाई जाकूं बेलोना देरे ॥ बाबा सो बालक ॥ध्रु०॥
बुराई आगुं धूप पेलाट नवाजे वाकू मुगुट दे छुटे ॥ जाकुं०॥१॥
ये बचन बडाई क्यां करु बाबा तो ऐसे बोलके लुटेर ॥ जाकुं०॥२॥
कहत कबीरा मैं संग न छोरु कोटिक तरास लेखलाई ॥ जाकुं०॥३॥
तुम पिता मैं पुतर तेहारा अब मोये राखु कठड लगाईरे ॥ जाकुं०॥४॥