Dictionaries | References

उद्योगानें मन स्वच्छ राहते, आळसानें मन खातें

   
Script: Devanagari

उद्योगानें मन स्वच्छ राहते, आळसानें मन खातें

   मनुष्याचे मन उद्योगांत रमत राहिले म्हणजे ते निष्पाप ज्ञानाने तळपळत असते. उलट जो मनुष्य आळशी असतो त्याचे मन नेहमी बुसरटलेले असते. त्याची प्रगति खुंटते.

Related Words

उद्योगानें मन स्वच्छ राहते, आळसानें मन खातें   स्वच्छ   मन   मन मारप   मन मारना   मन मारणे   करमणे   मन राजा, मन प्रजा   धर्मसावर्णि मन   मन मनाविणें   मन गडबडणें   मन मुंडणें   मन घालणे   मन घालणें   मन जाणें   मन देणें   मन लावणें   मन बसणें   मन लागणें   शुद्ध मन   मन कांपणें   मन-काळीज   मन तुटणें   मन नपर्दो   मन विटणें   मन धरणें   मन लगना   मन उठणें   मन उडणें   मन मोडणें   मन भरना   ആലോചിക്കുക   ಇಷ್ಟವಾಗು   अंग उदकान नितळ, मन सतान   आंग उदकान नितळ, मन सतान   खातें   आवैचे मन कांतली, भुर्ग्याचे मन करटी   मन पळोन धन   मन राजा, मन परजा, मनाले कोण वरजा   संशयि मन सावळेक भित्ता   संशयी मन सावळेक भित्ता   अंदाधुंद मन हरा गाय   खालीवर मन होणें   मन दुग्ध्यांत पडणें   रिकामें मन सैतानाचं धन   रिकामें मन सैतानाचं सदन   मन मानेल तो सौदा   नापसंद   दिलो-दिमाग़   دِلو دٮ۪ماغ   ಮನಸ್ಸು-ಬುದ್ಧಿ   psyche   तुझें मन माझे साक्षीशी आणि माझें मन तुझे परीक्षेशी   देव मन पाळौन धन दिता   माझें मन नित्य राजी, खातें भाकर भाजी   माझ्या मनाची मर्जी, मन खातें करंजी   रिकामें मन आणि कुविचाराची धन   ज्‍याचें मन त्‍याला ग्‍वाही देतें   मन चिंती तें वैरी चिंतीना   विटलें मन आणि फुटलें मोतीं सांधत नाहीं   वैरी न चिंती तें मन चिंती   स्वच्छ करणे   कपटी मित्राचें मन, अधिक दुष्‍ट सर्पाहून   निर्मळ   खातें करप   नीलकंठ खातें   आपले मन जिंकी, तो धन्य म्हणावा लोकीं   मन नाहीं थिरी, उगीच तीर्थ करी   मन नाहीं स्थिरी, बहु तीर्थ करी   देवु जाला लागी, मन गेलें दूर   एक उत्रानें मोळ्ळोलें मन, धा उत्राने समजाइना   भोंवचें गेलो तीर्थांतु, मन उरलें घरांतु   भोवचा गेलो तीर्थांतु, मन उरलें घरांतु   पिसो मन मेकळता, बुदवंतु बांदुन दवरता   ज्‍याचें जया ध्यान, तेंच होय त्‍याचें मन   दुष्ट संगतीनें मन, दोषी न करिती सुजन   रायागेलें मन आनि रुक्का सावळी तत्तावळी परतता   बैठें खातें   उद्योगानें सर्व सोपें, आळसानें सर्व कठीण   सर्व सोपें उद्योगानें आणि कठीण आळसानें   अवघें सोपें उद्योगानें, सर्व कठीण आळसानें   उदार मन ठेव संपत्तिकाळीं, स्थीर असावें विपत्तिवेळीं   ठेवी मन स्‍वाधीन, राहे प्रगट डौलानं   मन नाहीं राजी, तो क्या करेगा काजी   मन चिंती तें वैरीही न चिंती   फुटले मोतीं तुटलें मन सांधत नाहीं   पुरातत्व खातें   डिमॅट खातें   खातें उगडप   दलाल खातें   चालू खातें   गुप्तहेर खातें   विटलेलें मन जुळत नाहीं आणि फुटलेलें मोतीं सांधत नाहीं   మనసునొప్పించు   মন ভেঙে যাওয়া   মন মৰা   ਮਨ ਮਾਰਨਾ   ମନମାରିବା   കുറിച്ചു വയ്ക്കുക   गोसोखौ दबथाय   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP