-
pandit
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.46575 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ९
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ३
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - इंहादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - ङुडूच्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - करवीरादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - आनूपादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - मङ्गलाचरण
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - अनुष्यादिवर्गः
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - पर्पटादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - आंसादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ४
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग १
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: INDEX | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग २
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - उवर्णादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ८
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ६
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - ऊलकादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - आम्रादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - प्रभद्रादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - धरण्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - शाल्मल्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - अन्दनादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - पिप्पल्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - अत्त्वादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - ऱोगादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - क्षीरादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - प्रस्तावना
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - शाल्यादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग १०
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - शताह्वादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - इश्रकादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ५
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - पानीयादिवर्ग
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ७
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
राजनिघण्टु - कार्थादिवर्ग ११
नरहरि पन्डित रचित राजनिघण्टु ग्रंथ म्हणजे आयुर्वेदातील एक मैलाचा दगड.
Type: PAGE | Rank: 0.9246364 | Lang: NA
-
वामन पंडित - कंसवध
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 0.2572815 | Lang: NA
-
ध्यानमाळा
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
मुकुंदविलास
’नाम सुधा’ काव्यात वामनपंडितांनी नामाचे माहात्म्य अतिसुंदर भावपूर्णतेने वर्णन केले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
वामन पंडित - गीतार्णव
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
गीत महाभारत - प्रस्तावना
महर्षी व्यासांनी लिहिलेले महाभारत हे मानवी जीवनाच्या सर्व अंगांना स्पर्श करणारे व ज्ञानाने ओतप्रोत भरलेले असे महाकाव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
गीत महाभारत - कृष्णाला अभिवादन
महर्षी व्यासांनी लिहिलेले महाभारत हे मानवी जीवनाच्या सर्व अंगांना स्पर्श करणारे व ज्ञानाने ओतप्रोत भरलेले असे महाकाव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
ब्रम्हस्तुति - चरण २ - भाग ४
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
गीत महाभारत - द्रोणनिधन
महर्षी व्यासांनी लिहिलेले महाभारत हे मानवी जीवनाच्या सर्व अंगांना स्पर्श करणारे व ज्ञानाने ओतप्रोत भरलेले असे महाकाव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
कर्मतत्व - प्रारब्ध तत्व
'कर्मतत्व' काव्यात वामनपंडितांनी कर्माचे महत्व भावपूर्णतेने सांगितले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
गीत महाभारत - युद्धाचा अंतिम दिन
महर्षी व्यासांनी लिहिलेले महाभारत हे मानवी जीवनाच्या सर्व अंगांना स्पर्श करणारे व ज्ञानाने ओतप्रोत भरलेले असे महाकाव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
गीत महाभारत - कृष्णाचे उत्तर
महर्षी व्यासांनी लिहिलेले महाभारत हे मानवी जीवनाच्या सर्व अंगांना स्पर्श करणारे व ज्ञानाने ओतप्रोत भरलेले असे महाकाव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
ब्रम्हस्तुति - चरण १ - भाग १
वामन.पंडित,vaman.pandit,ब्रम्हस्तुति,brahmastuti
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA
-
ब्रम्हस्तुति - चरण २ - भाग ८
कवी वामनपंडितांचे काव्य वाचन म्हणजे स्वर्गीय सुख.
Type: PAGE | Rank: 0.220527 | Lang: NA