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संत नरहरीसोनारांचे अभंग
नरहरी सोनार हे सोनार समाजाचे असून त्यांनी दागिने घडवताना श्रीविठ्ठलाचे ध्यान केले. ऐरणीवर सोने ठोकताना नरहरींना भक्तीचा नाद ऐकू येई. नरहरी सोनारांना पंढरपूरला न जाताही विठोबाचे दर्शन घडत असे.
Narahari sonar was from Goldsmith family. While making the Idols or ornaments always his mind was wondering arond Lord Vitthal in Pandharapur.
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कवी नरहरी - गंगारत्नमाला
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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आरती नरहरीची
मध्वमुनीश्वरांची कविता
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दत्त आरती - श्रीपादश्रीवल्लभ नरहरी ता...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
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श्रीदत्तात्रेयाचे अभंग - औदुंबर तळीं उभा नरहरी , भ...
दत्तात्रेय पूर्ण अवतार असून, ब्रम्हा, विष्णू आणि महेश यांचे एकत्रीत रूप आहे. Dattatrya is considered by some Hindus, to be god who is an incarnation of the Divine Trinity Brahma, Vishnu and Mahesh.
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संत नरहरीसोनारांचे अभंग
नरहरी सोनार हे सोनार समाजाचे असून त्यांनी दागिने घडवताना श्रीविठ्ठलाचे ध्यान केले. ऐरणीवर सोने ठोकताना नरहरींना भक्तीचा नाद ऐकू येई. नरहरी सोनारांना पंढरपूरला न जाताही विठोबाचे दर्शन घडत असे.
Narahari sonar was from Goldsmith family. While making the Idols or ornaments always his mind was wondering arond Lord Vitthal in Pandharapur.
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संत नरहरी सोनार यांच्या स्मृतीत चोखामेळा
श्री संत नामदेवकाळातील श्री विठ्ठलाची अपरंपार उपासना करणारे संत चोखाबा एक अस्पृश्य होते.
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भूपाळी नरहरीची - उठि उठि नरहरिराया प्रगटे ...
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
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विनायक नरहरी भावे
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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गंगारत्नमाला - भाग १
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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गंगारत्नमाला - भाग ३
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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गंगारत्नमाला - भाग ५
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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गंगारत्नमाला - भाग ८
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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गंगारत्नमाला - भाग ६
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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गंगारत्नमाला - भाग ७
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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नरहरि
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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गंगारत्नमाला - भाग २
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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गंगारत्नमाला - भाग ४
कवी नरहरी यांनी पौराणिक काव्य लिहून मराठी भाषेला एक आगळीच झळाळी दिली.
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक ४१ ते ४४
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १५१ ते १६५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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तत्वविवेक - श्लोक ३७ ते ४२
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक ९१ ते ९७
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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तत्वविवेक - श्लोक ६५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक २७१ ते २८५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक १३ ते १६
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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तत्वविवेक - श्लोक ५७ ते ६०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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तत्वविवेक - श्लोक २७ ते ३०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक १०१ ते १०६
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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तत्वविवेक - श्लोक ३४ ते ३६
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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अनुभूतिलेश - श्लोक १९६ ते २१०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक १ ते २०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक ७१ ते ७५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक ६० ते ६२
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १५ ते ३०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक २८ ते २९
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक ४५ ते ४७
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक ९८ ते १००
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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साम्राज्यवामनटीका - श्लोक ६१ ते ८०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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तत्वविवेक - श्लोक ५३ ते ५६
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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अनुभूतिलेश - श्लोक ३१ ते ४५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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तत्वविवेक - श्लोक २३ ते २६
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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अनुभूतिलेश - श्लोक ७६ ते ९०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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तत्वविवेक - श्लोक १५ ते १७
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक ४८ ते ५०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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वामन पंडित - श्रीहरिगीता
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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तत्वविवेक - श्लोक १० ते ११
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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वामनपंडित कृत स्फुट काव्यें
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते.
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महाभूतविवेक प्रकरणम् - श्लोक १७ ते १९
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक १६६ ते १८०
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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अनुभूतिलेश - श्लोक ९१ ते १०५
वामन नरहरी शेष उर्फ वामन पंडित (इ.स.१६३६ ते १६९५) हे १७ व्या शतकात होऊन गेलेले प्रख्यात मराठी कवी होते
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