संस्कृत सूची|शास्त्रः|ज्योतिष शास्त्रः|मानसागरी|प्रथमोऽध्यायः| अध्याय १ - गणफलम् प्रथमोऽध्यायः अध्याय १ - मङ्गलाचरणम् अध्याय १ - जन्मपत्रीविधिः अध्याय १ - शाकानयनम् अध्याय १ - युगानयनम् अध्याय १ - कलियुगफलम् अध्याय १ - संवत्सरनामानि अध्याय १ - संवत्सरफलम् अध्याय १ - युगानयनम् अध्याय १ - अयनानयनविधिः अध्याय १ - गोलानयनविधिः अध्याय १ - ऋतोरानयनविधिः अध्याय १ - द्वादशमासफलम् अध्याय १ - पक्षफलम् अध्याय १ - तिथिफलम् अध्याय १ - नंदादितिथिज्ञानम् अध्याय १ - जन्मवारफलम् अध्याय १ - रात्रिदिनजातफलम् अध्याय १ - जन्मनक्षत्रफलम् अध्याय १ - योगजातफलम् अध्याय १ - करणानयनम् अध्याय १ - करणफलम् अध्याय १ - गणज्ञानम् अध्याय १ - गणफलम् अध्याय १ - योनिज्ञानम् अध्याय १ - योनिविचारचक्रम् अध्याय १ - वारफलम् अध्याय १ - जन्मलग्नफलम् अध्याय १ - नवांशफलम् अध्याय १ - चन्द्रकुण्डलिका अध्याय १ - चन्द्रराशिफलम् अध्याय १ - सूर्यभावाध्यायः अध्याय १ - भौमभावाध्यायः अध्याय १ - बुधभावाध्यायः अध्याय १ - गुरुभावाध्यायः अध्याय १ - शुक्रभावाध्यायः अध्याय १ - शनिभावाध्यायः अध्याय १ - राहुभावाध्यायः अध्याय १ - राश्यायुः अध्याय १ - लग्नायुः मानसागरी - अध्याय १ - गणफलम् सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय. The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky. Tags : horoscopejyotishamansagariग्रंथज्योतिषमानसागरीशास्त्र गणफलम् Translation - भाषांतर सुन्दरो दानशीलश्च मतिमान् सरलः सदा । अल्पभोजी महाप्राज्ञो नरो देवगणे भवेत् ॥१॥ मानी धनी विशालाक्षो लक्षवेधी धनुर्धरः । गौरः पौरजनग्राही जायते मानवे गणे ॥२॥ उन्मादी भीषणाकारः सर्वदा कलिवल्लभः । पुरुषो दुःसहं ब्रूते प्रमेही राक्षसे गणे ॥३॥ N/A References : N/A Last Updated : March 20, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP