मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत - त्रितयसप्तमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


त्रितयसप्तमी

( हेमाद्रि ) -

मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमीको हस्त हो तो जगत्प्रसूति ( सूर्यनारायण ) का उत्तम प्रकारके गन्ध - पुष्पादिसे पूजन करके उपवास करे और फिर इसी प्रकार प्रत्येक शुक्ल सप्तमीको वर्षभर करता रहे तो अच्छे कुलमें जन्म, स्थायी आरोग्य और यथेच्छ धन - ये तीनों मिलते हैं ।

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Last Updated : January 22, 2009

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