मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष व्रत - जनार्दनपूजा

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


जनार्दनपूजा

( कृत्यत्नावली ) - मार्गशीर्ष शुक्ल द्वादशीको प्रातःस्त्रानसे पवित्र होकर उपवास करके देवदेवेश भगवानका पूजन करे । पञ्चगव्यसे स्त्रान कराये । उसीका स्वयं पान करे और जौ तथा चावलोंका पात्र ब्राह्मणको दे । साथ ही ' सप्तजन्मसु यत् किंचिन्मया खण्डव्रतं कृतम् । भगवंस्त्वत्प्रसादेन तदखण्डमिहास्तु मे ॥' ' यथाखिलं जगत् सर्वं त्वमेव पुरुषोत्तम । तथाखिलान्यखण्डानि हतानि मम सन्तु वै ॥' से प्रार्थना करे ।

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Last Updated : January 01, 2002

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