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विरजा
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વિરજા
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विरजा ऋषी
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विरजाः
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وِرجا
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ବିରଜା
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বিরজা
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વિરજા ઋષિ
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ବିରଜା ଋଷି
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ਵਿਰਜਾ
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विरजा ऋषि
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विरजा रुशी
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وِراجا
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ورجا
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विरजस्
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विरिजा
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विरजाहोममन्त्राः
पूजा विधी Hindu Pooja Vidhis. The rituals that can be performed during worship of Hindu Gods, Godesses. This collection might contain some of the day specific rituals.
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जिया
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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पूर्वार्धम् - अध्यायः २३
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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क्रीडा खंड - अध्याय ७
श्री गणेश पुराणाचे पारायण केल्याने समाधान मिळते आणि जीवनातील सर्व पापे नष्ट होतात.
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महानारायणोपनिषत् - अनुवाकः ५१ ते ६०
आपल्या प्राचीन वाङ्मयामध्ये उपनिषदांना फार महत्त्वाचे, म्हणजे प्रस्थानत्रयी मधील एक, असे स्थान आहे. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas. Being the conclusive part of Vedas, Upanishad can be called the whole substance of Vedic
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विष्णुधर्माः - अध्याय ५२
विष्णुधर्माः
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पूर्वभागः - त्रयोदशोऽध्यायः
पुराण म्हणजे भारतीय संस्कृतीचा अमूल्य ठेवा आहे. महापुराणांच्या क्रमवारीत कूर्मपुराण पंधराव्या स्थानावर आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - प्रथम अंश - अध्याय १०
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
The Vishnu Purana is a religious Hindu text and one of eighteen Poranas.
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वास्तुदेवतास्थापनम्
सर्व पूजा कशा कराव्यात यासंबंधी माहिती आणि तंत्र.
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देवीची आरती - ओवाळीन वोजा ॥ शिवसहज...
देवीची आरती
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लक्ष्मीस्तवम् - क्षमस्व भगवत्यंब क्षमाशील...
देवी देवतांची स्तुति केल्यास, ते प्रसन्न होऊन इच्छित फल प्राप्त होते.
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शुद्धिसंस्कारः - वैदिक, पौराणिक
उत्तम संस्कार मानवाला उच्च कोटीचे जीवनमान प्रदान करते .
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गौर्यष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्
अष्टोत्तरशतनामस्तोत्र म्हणजे देवी देवतांची एकशे आठ नावे. Ashtottara shatanamavali means 108 names of almighty God and Godess.
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अवधूत गीता - अध्यायः ७
अवधूत गीता पठन केल्याने सर्व प्रकारच्या अनिष्ठ बाधा दूर होतात .
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देवकृत लक्ष्मी स्तोत्रम् - क्षमस्व भगवंत्यव क्षमाशील...
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याणकारी तसेच दुष्टांचा संहार करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as ' Shakti' since vedic times.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ९
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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सरस्वतीगीता
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे. Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
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मार्कण्डेयपुराणम् - द्विपञ्चाशोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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तृतीयः पादः - सूत्र १
ब्रह्मसूत्र वरील हा टीका ग्रंथ आहे. ब्रह्मसूत्र ग्रंथात एकंदर चार अध्याय आहेत.
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व्रतोदयान - प्रासादादिवास्तुप्रकार:
ऋग्वेदीयब्रह्मकर्मसमुच्चयः
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आद्या स्तोत्रम् - ॐ नम आद्यायै । शृणु वत्स ...
सती पार्वतीची दहा रूपे - काली, तारा, छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, धूमावती, त्रिपुर सुंदरी, मातंगी, षोड़शी आणि भैरवी.
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आचारकाण्डः - अध्यायः ५४
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
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वेंकटेश्वर माहात्म्य - चतुर्थोऽध्यायः
Venkateshwara also known as Venkatachalapathy or Srinivasa or Balaji, is the supreme God believed to be a form of the Hindu Deity Lord Vishnu.
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पूर्वार्धम् - अध्यायः १८
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
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देवकृतलक्ष्मीस्तोत्रम् - क्षमस्व भगवत्यंब क्षमाशील...
देवी आदिशक्ती माया आहे. तिची अनेक रूपे आहेत. जसे ती जगत्कल्याण्कारी तसेच दुष्टांचा संहार.करणारीही आहे.
The concept of Supreme mother Goddess is very old in India. The divine mother has been worshipped as 'Shakti' since vedic times
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स्कंध ५ वा - अध्याय १५ वा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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अध्याय १०७ - स्वायम्भुवसर्गः
भगवान् अग्निदेवांनी या अग्नि पुराणात देवालय निर्माणच्या हेतु विषयांत में आख्यान दिले आहे.
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शतरुद्रसंहिता - अध्यायः ५
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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किरातार्जुनीयम् - प्रसंग ६
'किरातार्जुनीयम्' प्रसिद्ध प्राचीन संस्कृत ग्रंथांपैकी एक होय. या काव्याचे रचनाकार महाकवि भारवी होत. किरातरूपधारी शिव आणि पांडु पुत्र अर्जुन यांच्यातील धनुर्युद्ध आणि वार्तालाप यावर आधारित हे काव्य आहे.
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वराहोपनिषत् - चतुर्थोऽद्यायः
उपनिषद् हिन्दू धर्माचे महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ आहेत. Upanishad are highly philosophical and metaphysical part of Vedas.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः ४२
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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वृन्दावनखण्डः - अध्यायः २६
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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नागरखण्डः - अध्याय २५७
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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गिरिराजखण्डः - अध्यायः ०२
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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