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जपी
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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जपिन्
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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জপকারী
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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જપી
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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తపస్వి
Meanings: 3; in Dictionaries: 1
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ਜਪੀ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ଜପି
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ജപിക്കുന്നവനായ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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जप्पी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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جَپ کَرَن وول
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ಜಪಿಸುವ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ஆதரவற்ற
Meanings: 6; in Dictionaries: 1
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ਜਾਪਕ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ଜପକାରୀ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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रगडनी ( मळणी ) - केला पीकाचा रे सांठा जपी...
बहिणाबाईंची गाणी
बहिणाबाई अशिक्षीत असूनही त्यांच्या गाण्यांतून जीवनातील अनमोल तत्वज्ञान समजते
Bahinabai has specifically acknowledged Tukaram as her Guru and that he initiated her has been clearly expressed in all her Abhangas.
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जपी तपी - अभंग २६३६ ते २६४१
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
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जापी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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जपिया
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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जप्या
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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तपी
Meanings: 5; in Dictionaries: 5
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कबीर के दोहे - भाई अपना कोई हैं साथी । ...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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भारुड - नाहं जोगी नाहं भॊगी नाहं जोशी संन्याशी
भारुड - नाहं जोगी नाहं भॊगी नाहं जोशी संन्याशी
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कबीर के दोहे - कंचन नारी त्यजकर सुखसे बै...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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कबीर के दोहे - जमका अजब तडाका बे । तूं क...
कबीर के दोहे
हिंदी साहित्य में कबीर का व्यक्तित्व अनुपम है। Kabir mostly known as "Weaver saint of Varanasi".
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भारूड - पलखम्यानें चार जुग ज्यावे...
Bharude is a kind of satirical form of presenting the faults of lay human beings. It was started by Eknath who is revered as a saint.
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भारुड - भांड - देख माया जद लगी बाबा आदमक...
भारुड Bharude is a kind of satirical form of presenting the faults of lay human beings. It was started by Eknath who is revered as a saint.
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भारुड - भांड - हुवा भांड माया छांड एक सं...
भारुड Bharude is a kind of satirical form of presenting the faults of lay human beings. It was started by Eknath who is revered as a saint. -
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भारुड - भांड - हुवा भांड माया छांड एक सं...
भारुड Bharude is a kind of satirical form of presenting the faults of lay human beings. It was started by Eknath who is revered as a saint.
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मानसगीत सरोवर - एकसष्टावी करुनी , वंदिले ...
भगवंताच्या लीला, त्याचे स्वरूप, अवतारकृत्ये व प्रत्येक अवतारातील अनेकविध प्रसंग, यावर आधारीत भजनांचा संग्रह, म्हणजेच मानसगीत सरोवर.
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आर्य केकावली - १४१ ते १६०
केकावली हे उत्कृष्ट वीणाकाव्य तसेच ध्वनीकाव्य आहे. केकावलीतील मुख्य रस भक्ति असून करून रस त्याचा अंगभूत आहे.
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उत्तरार्ध - अभंग ४०१ ते ५००
श्री मुक्तेश्वरी पोथी वाचल्याने आत्मिक समाधान मिळते.
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विविध विषय - संतसंग
श्री समर्थांनी दासबोध ग्रंथासोबतच गाथा रचून इतिहास घडविला आहे .
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गोरक्ष प्रवाह - भाग ३
मनात एखादी इच्छा धरून निश्चयानें प्रस्तुत ग्रंथपठन केल्यास, मनोकामना खात्रीनें पूर्ण होते.
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स्कंध २ रा - अध्याय ४ था
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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जप
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श्री कृष्णा माहात्म्य - अध्याय १७
विष्णूंच्या चरणांपासून कृष्णा नदी उत्पन्न झाली म्हणून तिचे पाणी विष्णुपादोदक आहे. त्यामुळे गंगेपेक्षाही तिचे महत्त्व अधिक आहे.
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करूणापर अभंग - ५२१ ते ५३०
संत बहेणाबाईचे अभंग
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श्री गंगा चालीसा - ॥ स्तुति ॥ मात शैल्सुतास ...
चालीसा, देवी देवतांची काव्यात्मक स्तुती असून, भक्ताच्या आयुष्यातील सर्व संकटे दूर होण्यासाठी मदतीची याचना केली जाते.
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भागवतमाहात्म्य - अध्याय ३ रा
सर्वमतखंडन आणि ब्रह्मविद्यारहस्य
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समास पहला श्रवणभक्तिनिरूपणनाम
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन समर्थ रामदास लिखीत दासबोध में है ।
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गोरक्ष प्रवाह - भाग २
मनात एखादी इच्छा धरून निश्चयानें प्रस्तुत ग्रंथपठन केल्यास, मनोकामना खात्रीनें पूर्ण होते.
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हिन्दी पदावली - पद १७१ से १८०
संत नामदेवजी मराठी संत होते हुए भी, उन्होंने हिन्दी भाषामें सरल अभंग रचना की ।
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नवविधाभक्तिनाम - ॥ समास पहला - श्रवणभक्तिनिरूपणनाम ॥
‘हरिकथा’ ब्रह्मांड को भेदकर पार ले जाने की क्षमता इसमें है ।
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डफगाणे - ६०८ ते ६१५
संत बहेणाबाईचे अभंग
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ज्ञानपर अभंग - २७१ ते २८०
संत बहेणाबाईचे अभंग
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रामनाममहिमा - अभंग ७२४ ते ७४०
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
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भारूड - चल चल चल । याद करो गुरु ग...
Bharude is a kind of satirical form of presenting the faults of lay human beings. It was started by Eknath who is revered as a saint.
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पंचक - संशयपंचक
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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पूर्वार्ध - अभंग ४०१ ते ५००
श्री मुक्तेश्वरी पोथी वाचल्याने आत्मिक समाधान मिळते.
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हिन्दी पदावली - पद २११ से २२०
संत नामदेवजी मराठी संत होते हुए भी, उन्होंने हिन्दी भाषामें सरल अभंग रचना की ।
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