Site Search Input language: Select language देवनागरी Roman Kannada Bengali/Bangla Gurmukhi Gujarati Site Search Google Search Search results Results does not include Ancestry or QnA (Prashna) श्रीमनाचे श्लोक श्रीसमर्थ रामदास स्वामींचे श्रीमनाचे श्लोक, श्रीसमर्थांचे हे मनाचे श्र्लोक अतिशय सोपे आहेत. मनाला आवरुन रामरूपाच्या ठायी समरसून जावे व मुक्तीचा सुखसोहळा भोगावा अशी श्रीसमर्थांची या श्र्लोकांच्या रूपाने शिकवण आहे. वाचकांनी ही २०५ मोत्यांची माळ कंठात अखंड ठेवावी व कृतार्थ व्हावे. Manache Shlok By Ramadas Swami. They teach you how to control your mind and spirit spiriually towards Lord Rama. Tags: मनाचे, श्लोक, manache, shlok, samartha, ramdas, रामदास Type: PAGE | Rank: 2.037498 | Lang: NA गुणरूपनाम - ॥ समास तीसरा - निःसंगदेहनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास नववां - श्रवणनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA प्रकृतिपुरुष का - ॥ समास दसवां - टोणपसिद्धलक्षणनाम ॥ यह ग्रंथ श्रवण करने का फल, मनुष्य के अंतरंग में आमूलाग्र परिवर्तन होता है, सहजगुण जाकर क्रिया पलट होता है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA अखंडध्याननाम - ॥ समास तीसरा - कवित्वकलानिरूपणनाम ॥ ‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA तत्त्वान्वय का - ॥ समास पहला - वाल्मीकस्तवननिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA स्तवणनाम - ॥ समास आठवां सभास्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA अखंडध्याननाम - ॥ समास छठवां - चातुर्यलक्षणनाम ॥ ‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA पूर्णदशक - ॥ समास दूसरा - सृष्टित्रिविधलक्षणनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA भीमदशक - ॥ समास नववां - उपदेशनाम ॥ ३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास नववां - विरक्तलक्षणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास पाचवां - द्वैतकल्पनानिरसनननाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA मंत्रों का नाम - ॥ समास नववां - साधकलक्षण निरूपणनाम ॥ ‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA जगज्जोतिनाम - ॥ समास चौथा - बीजलक्षणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA दशक पहला - स्तवणनाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: INDEX | Rank: 0.706161 | Lang: NA सगुणपरीक्षा - ॥ समास तीसरा - सगुणपरीक्षानाम ॥ श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA दशक पांचवा - मंत्रों का नाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक, रामदास, हिन्दी Type: INDEX | Rank: 0.706161 | Lang: NA शिकवणनाम - ॥ समास नववां - राजकारणनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास पहला - देवदर्शननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA स्तवणनाम - ॥ समास तीसरा शारदास्तवननाम । इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA शिकवणनाम - ॥ समास सातवां - यत्ननिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA पूर्णदशक - ॥ समास सातवां - आत्मनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA सगुणपरीक्षा - ॥ समास चौथा - सगुणपरीक्षानाम ॥ श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA दशक सोलहवां - तत्त्वान्वय का 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: रामदास, हिन्दी, मनाचे, श्लोक, ramdas, hindi, manache, shlok Type: INDEX | Rank: 0.706161 | Lang: NA शिकवणनाम - ॥ समास पहला - लेखनक्रियानिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA पूर्णदशक - ॥ समास दसवां - विमलब्रह्मनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA नवविधाभक्तिनाम - अनुक्रमणिका ‘हरिकथा’ ब्रह्मांड को भेदकर पार ले जाने की क्षमता इसमें है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA देवशोधन नाम - ॥ समास आठवां - दृश्यनिरसननाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA रामदासकृत हिन्दी मनके श्लोक 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक, रामदास, हिन्दी Type: INDEX | Rank: 0.706161 | Lang: NA शिकवणनाम - ॥ समास पांचवां - देहमान्यनिरूपणनाम ॥ परमलाभ प्राप्त करने के लिए स्वदेव का अर्थात अन्तरस्थित आत्माराम का अधिष्ठान चाहिये! Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA देवशोधन नाम - ॥ समास तीसरा - मायोद्भवनाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA स्तवणनाम - ॥ समास पांचवा संतस्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA पूर्णदशक - ॥ समास छठवां - आत्मागुणनिरूपणनाम ॥ इस ग्रंथके पठनसे ‘‘उपासना का श्रेष्ठ आश्रय’ लाखों लोगों को प्राप्त हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA आत्मदशक - ॥ समास तीसरा - श्रेष्ठअतरात्मानिरूपणनाम ॥ देहप्रपंच यदि ठीकठाक हुआ तो ही संसार सुखमय होगा और परमअर्थ भी प्राप्त होगा । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA चतुर्दश ब्रह्म नाम - ॥ समास सातवां - साधनप्रतिष्ठानिरूपणननाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA जगज्जोतिनाम - ॥ समास नववां- प्रचीतनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास पहला - मूर्खलक्षणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA तत्त्वान्वय का - ॥ समास सातवां - महद्भूतनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA देवशोधन नाम - ॥ समास दसवां - अनिर्वाच्यनाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास आठवां - सद्विद्यानिरुपणनाम ॥ इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA प्रकृतिपुरुष का - ॥ समास तीसरा - श्रवणनिरूपणनाम ॥ यह ग्रंथ श्रवण करने का फल, मनुष्य के अंतरंग में आमूलाग्र परिवर्तन होता है, सहजगुण जाकर क्रिया पलट होता है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA देवशोधन नाम - ॥ समास पांचवां - मायाब्रह्मनिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने ऐसा यह अद्वितीय-अमूल्य ग्रंथ लिखकर अखिल मानव जाति के लिये संदेश दिया है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA सगुणपरीक्षा - ॥ समास दसवां - बैराग्यनिरूपणनाम ॥ श्रीमत्दासबोध के प्रत्येक छंद को श्रीसमर्थ ने श्रीमत्से लिखी है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA भीमदशक - ॥ समास दूसरा - चत्वारदेवनिरूपणनाम ॥ ३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA स्तवणनाम - ॥ समास पहला मंगलाचरण ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA स्तवणनाम - ॥ समास नववां परमार्थस्तवननाम ॥ इस ग्रंथ के श्रवण से ही ‘श्रीमत’ और ‘लोकमत’ की पहचान मनुष्य को होगी. Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA दशक नववां - गुणरूपनाम 'ऐसी इसकी फलश्रुति' डॉ. श्री. नारायण विष्णु धर्माधिकारी कृत. Tags: hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक, रामदास, हिन्दी Type: INDEX | Rank: 0.706161 | Lang: NA ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास चौथा - सूक्ष्मपंचभूतनिरूपणनाम ॥ ३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA जगज्जोतिनाम - ॥ समास सातवां - सगुणभजननिरूपणनाम ॥ श्रीसमर्थ ने इस सम्पूर्ण ग्रंथ की रचना एवं शैली मुख्यत: श्रवण के ठोस नींव पर की है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA अखंडध्याननाम - ॥ समास सातवां - युगधर्मनिरूपणनाम ॥ ‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है । Tags: रामदास, हिन्दी, hindi, manache, shlok, ramdas, मनाचे, श्लोक Type: PAGE | Rank: 0.706161 | Lang: NA Folder Page Word/Phrase Person Loading, please wait .. Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. 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