Dictionaries | References
f

fetch

   
Script: Latin

fetch     

घेऊन येणे
किंमत येणे

fetch     

 न. वातोर्मि अंतर

fetch     

Student’s English-Sanskrit Dictionary | English  Sanskrit
Fetch,v. t.आहृ 1 P, उपा-आ-नी 1 P, उपा-दा 3 A,
ROOTS:
आहृउपाआनीउपादा
2निष्कृष् 1 P, उत्पद् c., स्रु c.; ‘f. a deep sigh’ दीर्घं निश्वस् 2 P; what price does the book f.’ कि- -यता मूल्येन तत्पुस्तकं विक्रीयते; ‘f. up’ उद्-धृ 1 P, 10; आ-सद् c.; See
ROOTS:
निष्कृष्उत्पद्स्रुदीर्घंनिश्वस्कियतामूल्येनतत्पुस्तकंविक्रीयतेउद्धृआसद्
Overtake.-s.कपटं, व्याजः, अपदेशः, उपायः.
ROOTS:
कपटंव्याजअपदेशउपाय

fetch     

A Dictionary: English and Sanskrit | English  Sanskrit

To FETCH , v. a.
(Bring) आनी (c. 1. -नयति -नेतुं), उपानी, आहृ (c. 1. -हरति -हर्त्तुं). —
(Derive) आनी, निर्णी, नी, अपवह् (c. 1. -वहति-वोढुं). —
(Draw, cause to appear) निष्कृष् (c. 1. -कर्षति -क्रष्टुं), स्रु in caus. (स्रावयति -यितुं), उत्पद् in caus. (-पादयति -यितुं), जन्in caus. (जनयति -यितुं);
‘draw blood,’ शोणितम् उत्पद् in caus. , रक्तं स्रु in caus.;
‘fetch a sigh,’ दीर्घं निःश्वस् (c. 2. -श्वसिति -तुं), or निश्वस्. —
(Perform) कृ. —
(Fetch a price) अमुकमूल्येन विक्री in pass. (-कीयते);
‘what price does it fetch?’ कियता सूल्येन विक्रीयते.
ROOTS:
आनीनयतिनेतुंउपानीआहृहरतिहर्त्तुंनिर्णीनीअपवह्वहतिवोढुंनिष्कृष्कर्षतिक्रष्टुंस्रु(स्रावयतियितुं)उत्पद्(पादयतिजन्(जनयतियितुं)शोणितम्रक्तंदीर्घंनिश्वस्श्वसितितुंनिश्वस्कृअमुकमूल्येनविक्री(कीयते)कियतासूल्येनविक्रीयते
FETCH , s.उपायः, व्यपदेशः, अपदेशः, छलं -लना, कपटः, व्याजः.
ROOTS:
उपायव्यपदेशअपदेशछलंलनाकपटव्याज

Related Words

fetch   मालींव   निरावह्   पर्याभृ   समिद्धार   अभ्युदानी   परिप्रणी   आजिहीर्षु   उपावहृ   आहारक   उपढौक्   उपनिवृत्   समुपाहृ   उदायम्   हेलकाविणें   आभृ   अनर्विश्   आहृ   आयम्   उपाकृ   उदज्   उदाकृ   उपकॢप्   उपक्लृप्   प्रत्याहृ   सौपर्ण   निनी   आनी   आहार   समानी   अध्वर्यु   आणणें   आवह्   अवतॄ   निर्यत्   उदीर्   आर्   उन्नी   उपहृ   अवतृ   सुभद्र   मनुस्मृति   संहृ   अजामिल   उपनी   इन्द्राणी   महीरथ   आपद्   रामेश्वर   हृ   bring   उपस्था   एकादशी   जैगीषव्य   मेघनाद   कार्तवीर्यार्जुन   त्रिशङ्कु   अश्वत्थामा   अन्यथा   उद्दालक   उद्धव   ब्रह्मचर्य   ठिण्ठाकराल   या   शिवशर्मन्   वह्   लिपि   मार्कण्डेय   नकुल   उत्तङ्क   पञ्चतन्त्र   जमदग्नि   विश्वकर्मा   भीम   कंस   भारत   पाञ्चाली   धर्मपुत्र   कश्यप   बृहस्पति   द्रोण   बलि   अर्जुन   दुर्योधन   राम   હિલાલ્ શુક્લ પક્ષની શરુના ત્રણ-ચાર દિવસનો મુખ્યત   ନବୀକରଣଯୋଗ୍ୟ ନୂଆ ବା   વાહિની લોકોનો એ સમૂહ જેની પાસે પ્રભાવી કાર્યો કરવાની શક્તિ કે   સર્જરી એ શાસ્ત્ર જેમાં શરીરના   ન્યાસલેખ તે પાત્ર કે કાગળ જેમાં કોઇ વસ્તુને   બખૂબી સારી રીતે:"તેણે પોતાની જવાબદારી   ਆੜਤੀ ਅਪੂਰਨ ਨੂੰ ਪੂਰਨ ਕਰਨ ਵਾਲਾ   బొప్పాయిచెట్టు. అది ఒక   लोरसोर जायै जाय फेंजानाय नङा एबा जाय गंग्लायथाव नङा:"सिकन्दरनि खाथियाव पोरसा गोरा जायो   आनाव सोरनिबा बिजिरनायाव बिनि बिमानि फिसाजो एबा मादै   भाजप भाजपाची मजुरी:"पसरकार रोटयांची भाजणी म्हूण धा रुपया मागता   नागरिकता कुनै स्थान   ३।। कोटी      ۔۔۔۔۔۔۔۔   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP