Dictionaries | References स स्वायंभुव { svāyambhuva } Script: Devanagari Meaning Related Words Rate this meaning Thank you! 👍 स्वायंभुव हिन्दी (hindi) WN | Hindi Hindi | | See : स्वयंभुव मनु Rate this meaning Thank you! 👍 स्वायंभुव प्राचीन चरित्रकोश | Hindi Hindi | | स्वायंभुव (मनु) n. एक सुविख्यात राजा, जो स्वायंभुव नामक पहले मन्वंन्तर का अधिपति मनु माना जाता है । ‘मनुस्मृति’ नामक सुविख्यात धर्मशास्त्रविषयक ग्रंथ का कर्ता यही माना जाता है (मनु स्वायंभुव देखिये) ।स्वायंभुव (मनु) n. भागवत में नवखण्डात्मक पृथ्वी का वर्णन प्राप्त है, जिनमें से भरतखंड नामक नौवाँ खण्ड आधुनिक भारतवर्ष माना जाता है । इस खण्ड में से ब्रह्मावर्त नामक प्रदेश में स्थित बर्हिष्मती नगरी का सर्वाधिक प्राचीन राजा स्वायंभुव मनु माना जाता है ।स्वायंभुव (मनु) n. भागवत में स्वायंभुव मनु को समस्त पृथ्वी का सम्राट् कहा गया है [भा. ३.२१.२५, २२.२९] । उस समय सारी पृथ्वी समतल एवं अखण्ड थी, वह आज की तरह समुद्रों में विभाजित न थी ।स्वायंभुव (मनु) n. इसकी पत्नी का नाम शतरूपा (बार्हिष्मती) था, जिससे इसे प्रियव्रत एवं उत्तानपाद नामक दो पुत्र उत्पन्न हुए । इनमें से अपने ज्येष्ठ पुत्र प्रियव्रत को स्वायंभुव ने अपना पृथ्वी का सारा राज्य प्रदान किया । प्रियव्रत के राज्यकाल में पृथ्वी में स्थित समुद्रों का विस्तार हुआ, एवं सारी पृथ्वी सात द्वीप एवं सात समुद्रों में विभाजित हुई। प्रियव्रत के कुल दस पुत्र थें, जिनमें से तीन बाल्यकाल से ही वन में चले गये। इसी कारण अपना सात द्वीपों का पृथ्वीव्याप्त राज्य प्रियव्रत ने अपने उर्वरित सात पुत्रों में बाँट दिये। प्रियव्रत के द्वारा अपने सात पुत्रों में विभाजित किये गये सात द्वीपों के नाम, एवं उनका आधुनिककालीन संभव्य भौंगोलिक स्थानआदि निम्नलिखित तालिका में दिया गया है । प्राचीन-कालीन सप्तद्वीपात्मक पृथ्वी की भौगोलिक जानकारी की दृष्टि से यह तालिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैः--- पुत्र का नाम - अग्निधद्वीप - जंबूद्वीपसंभाव्य आधुनिक स्थान - एशिया खण्ड ( इसी खण्ड में अग्निध्र की बार्हिष्मती नामक नगरी थी ) ।पुत्र का नाम - इध्मजिह्वद्वीप - प्लक्षद्वीपसंभाव्य आधुनिक स्थान - यूरप खण्ड ।पुत्र का नाम - यज्ञबाहुद्वीप - शाल्मलिद्वीपसंभाव्य आधुनिक स्थान - अटलँटिस् खण्ड, जहाँ वर्तमानकाल में अटलँटिक महासागर है ।पुत्र का नाम - हिरण्यरेतस्द्वीप - कुशद्वीपसंभाव्य आधुनिक स्थान - आफ्रिका खण्ड ।पुत्र का नाम - घृतपृष्ठद्वीप - क्रौंचद्वीपसंभाव्य आधुनिक स्थान - उत्तर अमरिका खण्ड ।पुत्र का नाम - मेधातिथिद्वीप - शाकद्वीपसंभाव्य आधुनिक स्थान - दक्षिण अमरिका खण्ड ।पुत्र का नाम - वीतिहोत्रद्वीप - पुष्करद्वीपसंभाव्य आधुनिक स्थान - दक्षिण ध्रुव खण्ड ( अँटार्टिका खण्ड ) ।स्वायंभुव (मनु) n. अग्निध को जंबुद्वीप का राज्य प्राप्त हुआ, जो आगे चल कर उसने अपने अपने नौ पुत्रों में विभाजित किया । प्राचीन जंबुद्वीप (एशियाखण्ड) के भौगोलिक विभाजन की जानकारी प्राप्त करने की दृष्टि से, अग्निध्र का यह राज्यविभाजन अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना जाता हैः-- पुत्र का नाम - इलावृतद्वीपविभाग - इलावृतवर्ष ।पुत्र का नाम - रम्यकद्वीपविभाग - रम्यकवर्ष ।पुत्र का नाम - हिरण्यद्वीपविभाग - हिरण्यवर्ष ।पुत्र का नाम - कुरुद्वीपविभाग - उत्तरकुरुवर्ष ।पुत्र का नाम - भद्राश्चद्वीपविभाग - भद्राश्ववर्ष ।पुत्र का नाम - किंपुरुषद्वीपविभाग - किंपुरुषवर्ष ।पुत्र का नाम - नाभिद्वीपविभाग - नाभिवर्ष, जो आगे चल कर अजनाभवर्ष अथवा भारतवर्ष नाम से सुविख्यात हुआ ।स्वायंभुव (मनु) n. इस साहित्य में इसे ब्रह्मा का पुत्र कहा गया है, एवं सृष्टि एवं प्रज्ञा की वृद्धि के लिए इसका निर्माण ब्रह्मा के द्वारा किये जाने का निर्देश वहाँ प्राप्त है [मत्स्य. ३.३१] । इसे विराज नामान्तर भी प्राप्त था [मत्स्य. ३.४५] । जन्म के समय यह अर्धनारी देहधारी था । आगे चल कर ब्रह्मा ने इसे आज्ञा दे कर, इसके शरीर के स्त्री एवं पुरुषात्मक दो भाग किये गये जिसमें से पुरुष दे भाग से यह, एवं स्त्री देहभाग से इसकी पत्नी शतरूपा बन गयी [मार्क. ५०] ;[विष्णु. १.७२] ;[भा. ३.१२.५३] ;[वायु. १.१.१०] । Rate this meaning Thank you! 👍 स्वायंभुव The Practical Sanskrit-English Dictionary | Sanskrit English | | स्वायंभुव [svāyambhuva] a. a. (-वी f.) Relating to Brahman; तुरासाहं पुरोधाय धाम स्वायंभुवं ययुः [Ku.2.1.] Descended from Brahman; स्वायंभुवान्मरीचेर्यः प्रवभूव प्रजापतिः [Ś.7.9.] -वः An epithet of the first Manu (as he was a son of Brahman). Related Words स्वायंभुव स्वायंभुव मनु स्वायंभुव वंश स्वयंभुव मनु سوایمبھومنو ସ୍ୱାୟଂଭୁବ ମନୁ स्वायम्भुवः স্বয়ংভু মনু ਸ੍ਵਾਯੰਭੁਵ ਮਨੂ સ્વાયંભુવ મનુ ग्रावजिन उग्रदृष्टि श्रुतशृण अमृतवत् यामिन स्त्रवस् मृलिक विरजामित्र प्रतिरुपा आकूती मुद उद्नीथ क्षुद्रभृत अग्निबाहु शुचिश्रवस् मनुसंहिता द्यूमत् पुरंजन कर्मश्रेष्ठ अग्निमित्र वसुभृद्यान अतिबाहु मधुप जित् तुषित द्युतिमान नाभानेदिष्ट शतरूपा बर्हिष्मती मृकंड यविष्ठ धृतव्रत देवहूति प्रजाति प्रश्रय उत्तानपाद अजिर चित्ति तितिक्षा मैत्री रय देवकुल्या विभु विराज् अग्नीध्र सहिष्णु श्र्वेताश्र्वतर वपुष्मत् आकूति ज्योतिष्मत् तुष्टि मेध्य याम्य द्युतिमत् द्युतिमान् पूर्वचित्ति प्राचीनबर्हि कालनिर्णयकोश - मन्वन्तर कालगणनापद्धति ऊर्णा अजित याम प्रसूति हव्य पुलह मनु वारुणी शिशुमार जयंती महावीर पुष्टि हरित हिरण्याक्ष क्रतु सवन श्रद्धा पितरः कर्दम क्षेम अनसूया अभय अभिमान चौदा चित्रकेतु मंगल मेघ मति नरनारायण प्रसाद यज्ञ अत्रि Folder Page Word/Phrase Person Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP