Dictionaries | References

श्र्वेताश्र्वतर

   
Script: Devanagari

श्र्वेताश्र्वतर

श्र्वेताश्र्वतर n.  एक आचार्य, जो श्र्वेताश्र्वेतर नामक सुविख्यात उपनिषद का रचयिता माना जाता है [श्र्वेताश्र्वतर ६.२१] । इसने स्वायंभुव ऋषि से ब्रह्मविद्या प्राप्त की थी । इसके नाम की एक कृष्णयजुर्वेदी शाखा भी उपलब्ध है । इसके नाम पर श्र्वेताश्र्वतर नामक एक ब्राह्मण ग्रंथ भी निर्दिष्ट है, जो वर्तमानकाल में केवल नाममात्र ही उपलब्ध है ।
श्र्वेताश्र्वतर n.  समस्त उपनिषद् वाङमय में श्र्वेताश्र्वतर उपनिषद एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है (रुद्रशिव देखिये) । ईश्र्वर समस्त सृष्टि का शास्ता एवं नियंता है, यही इस उपनिषद का प्रमुख प्रतिपाद्य विषय है । दर्शनशास्त्रों में से सांख्य एवं वेदान्त दर्शन जब एक ही शास्त्र माने जाते थे, उस समय इस ग्रंथ की रचना की थी । इस उपनिषद के पहले अध्याय में त्रैमूर्त्यात्मक अद्वैत शैवमत की श्रेष्ठता प्रतिपादन की गयी है । दूसरे अध्याय में योग एवं योगपरिणाम का प्रतिपादन किया गया है । तीसरे एवं चौथे अध्याय में सांख्य शैव मत का कथन प्राप्त है । पाँचवे अध्याय के दूसरे मंत्र में कपिल शब्द की अध्यात्मिक निरूक्ति दी गयी है । छठे अध्याय में सगुण ईश्र्वर का वर्णन प्राप्त है, जो सांप्रदाय-निरपेक्ष होने के कारण अत्यंत महत्त्वपूर्ण माना जाता है ।

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP